सार
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर भड़की हिंसा की चिंगारी से शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिले सुलग उठे। राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों में कम से कम पांच लोग मारे गये तथा बड़ी संख्या में लोग जख्मी हो गये।
लखनऊ. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर भड़की हिंसा की चिंगारी से शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिले सुलग उठे। राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों में कम से कम पांच लोग मारे गये तथा बड़ी संख्या में लोग जख्मी हो गये। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हुई हिंसा में पांच लोग मारे गये। बिजनौर में दो तथा फिरोजाबाद, सम्भल और मेरठ में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
जिलों से मिली खबरों के मुताबिक मरने वालों में से कई की मौत गोली लगने से हुई, मगर पुलिस महानिदेशक ने पुलिस की गोली से किसी की भी मृत्यु होने से इनकार किया। उन्होंने बताया कि हिंसा में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, बहराइच, भदोही, गाजियाबाद और गोरखपुर समेत 12 जिलों में उग्र प्रदर्शनकारियों ने जुमे की नमाज के बाद सड़क पर आकर पथराव और आगजनी की। इन घटनाओं में कुल 667 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं में लगभग दो दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। प्रभावित जिलों से क्षति का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गयी है।
नटहौर में हुई थाना फूकने की कोशिश
हालांकि कल हिंसा की चपेट में आये लखनऊ और पिछले करीब एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन के दौर से गुजर रहे अलीगढ़ में शुक्रवार को हालात शांतिपूर्ण रहे। बिजनौर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डेय ने दो लोगों के मरने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि नहटौर इलाके में उग्र भीड़ ने थाना फूंकने की कोशिश की। पुलिस ने बल प्रयोग किया। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान चली गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गयी। हिंसा में कई संख्या में लोगों के घायल होने की खबर है। बिजनौर शहर में भी जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने सिविल लाइन और जजी इलाकों में तोड़फोड़ कर कुछ वाहनों को आग लगा दी। जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है।
मेरठ में भी पुलिस पर पथराव
उधर, मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। इसके अलावा शहर कोतवाली क्षेत्र तथा भ्रमपुरी क्षेत्रों में भी बलवाइयों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गयी। कानपुर शहर के विभिन्न इलाकों में यतीमखाने, मूलगंज, परेड, फूलबाग, बाबूपुरवा ईदगाह के पास बड़ी संख्या में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। बाबूपुरवा पुलिस चौकी पर प्रदर्शनकारियों ने भारी पथराव किया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाबूगंज थाना क्षेत्र में हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी तथा आठ अन्य जख्मी हो गये। हिंसा के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फिरोजाबाद में पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी
फिरोजाबाद से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सीएए के खिलाफ फिरोजाबाद जिले के दक्षिण कोतवाली और रामगढ़ इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। दक्षिण कोतवाली क्षेत्र में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गयी तथा दो पुलिसकर्मियों समेत छह लोग घायल हो गये। बलवाइयों ने रामगढ इलाके में इटावा-आगरा राजमार्ग पर कई घंटे तक रास्ता जाम रखा। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में भी जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुआ, मगर पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए उन्हें खदेड़ दिया। हालात को देखते हुए जिले में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी गयी हैं। बहराइच, से मिली रिपोर्ट के मुताबिक जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार दोपहर मस्जिदों से निकलकर सीएए के विरोध में इकट्ठा हो उग्र नारेबाजी व पुलिस बल पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
सभी तरह के प्रदर्शनों पर लगी रोक
जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी पिछले 24 घंटे से मुस्लिम धर्मगुरूओ के संपर्क में थे और तमाम जिम्मेदार धर्मगुरूओं और मुस्लिम नेताओं ने लोगों से पूर्व घोषित प्रदर्शन स्थगित करने की अपील भी की थी। बावजूद इसके जुमे की नमाज समाप्त होते ही हजारों की संख्या में लोग घंटाघर चौराहे पर सीएए विरोधी तख्तियां लेकर इकट्ठा हो गये। बाद में वे उग्र नारेबाजी करने लगे। पुलिस द्वारा रोकने पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पहले से तैयार पुलिस ने लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग कर लोगों को खदेड़ दिया।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)