सार
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की भारत यात्रा दोनों देशों के लिए आने वाले समय में इकोनॉमिक ताकत का बूस्टर डोज साबित होगी। वार्षिक शिखर सम्मेलन(annual summit) के दौरान दोनों देशों ने 28 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। पुतिन और मोदी के बीच करीब 3.5 घंटे बातचीत हुई।
नई दिल्ली. 6 दिसंबर भारत और रूस की दोस्ती का एक ऐतिहासिक दिन बनकर गुजरा। यह दिन इसलिए भी खास हो जाता है कि दोनों देशों ने मिलकर अपनी इकोनॉमी को बूस्ट करने की प्लानिंग की है। वार्षिक शिखर सम्मेलन(annual summit) के दौरान दोनों देशों ने 28 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। इनमें सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा और शिक्षा सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। 2019 के बाद से यह पुतिन-मोदी की पहली बैठक थी। पिछली बैठक सितंबर 2019 में हुई थी, मोदी व्लादिवोस्तोक(Vladivostok) गए थे। नवंबर 2019 में दोनों नेता ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर मिले।
6 लाख करोड़ का निवेश
दोनों देश अपनी इकोनॉमी को दुनिया की सबसे ताकतवर इकोनॉमी बनाने 6 लाख करोड़ रुपए(करीब 80 अरब डॉलर) का परस्पर निवेश करेंगे। यह बूस्टर डोज इकोनॉमी को एक नई दिशा देगा। दोनों देश 2025 तक दो-तरफा निवेश को 50 अरब डॉलर और ट्रेड को 30 अरब डॉलर के पार ले जाना चाहते हैं। अभी भारत खनिज तेल, सोना-चांदी, हीरा, फर्टिलाइजर, शिप, बोट और दूसरे फ्लोटिंग स्ट्रक्चर, पेपर प्रॉडक्ट्स, न्यूक्लियर प्लांट के लिए यंत्र, आयरन और स्टील, रबर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक सामग्री, एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट का इम्पोर्ट करता है। जबकि भारत रूस से फार्मा प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक सामग्री, मशीनरी और पुर्जे, आयरन और स्टील, काफी-चाय-मसाले, मछली, व्हीकल्स, कैमकिल प्रॉडक्ट्स और विमानों के पुर्जे एक्सपोर्ट करता है। 2020-21 में दोनों देशों का बाइलेट्रल ट्रेड(द्विपक्षीय व्यापार) 8.1 अरब डॉलर रहा था। रूस स्थित भारतीय एम्बेसी के अनुसार इस दौरान इस दौरान इंडियन एक्सपोर्ट 2.6 अरब डॉलर, जबकि रूस से इंपोर्ट 5.48 अरब डॉलर था।
बेहद महत्वपूर्ण रही यह बैठक
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्षिक शिखर बैठक के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बेहतरीन चर्चा हुई। राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा छोटी लेकिन अत्यधिक महत्वपूर्ण थी। दोनों देशों के बीच 10 साल (2021-2031) के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम पर समझौता हुआ। COVID-19 महामारी शुरू होने के बाद से यह राष्ट्रपति पुतिन की दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने केवल रूस-अमेरिका शिखर सम्मेलन के लिए जिनेवा की संक्षिप्त यात्रा की थी।
दोनों देशों ने इन मुद्दों पर भी चर्चा की
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, जिसमें जी20, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के भीतर संयुक्त प्रयास, आतंकवाद और अफगानिस्तान के साथ संघर्ष शामिल हैं। बैठक से पहले पुतिन ने कहा कि रूस ने भारत को एक मित्रतापूर्ण लोगों के साथ एक महान शक्ति के रूप में देखा और मोदी को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। रूसी राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था, निवेश, ऊर्जा, उच्च, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर बात की। पुतिन ने भारत के साथ सैन्य सहयोग विकसित करने के रूस के इरादे पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में बाधक रही है। उन्होंने कोरोनोवायरस संक्रमण के खिलाफ रूस और भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर बात की, चाहे वह टीकों का परीक्षण हो, उनका उत्पादन या मानवीय सहायता।
यह भी पढ़ें
Putin India Visit: रूस-भारत के बीच 28 MoU पर हुए साइन, 10 साल के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम तय
Putin In India : रूसी राष्ट्रपति ने कहा-भारत को भरोसेमंद पार्टनर, मोदी बोले-दुनिया बदली हमारी दोस्ती न बदली
Putin India visit: रूस के साथ सैन्य डील पर बोले राजनाथ-हमारी दोस्ती क्षेत्र में शांति लाएगी