सार
ओडिशा ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) इतना भयानक और दिल को दहला देने वाला था कि जिन्होंने वह मंजर देखा है, उनकी आंखों के सामने वहीं दृश्य बार-बार घूम रहा है।
Odisha Train Accident. ओडिशा ट्रेन हादसे में सुरक्षित बच गए केरल के 4 लोगों ने जो आंखों देखा हाल बताया है, वह दिल को दहला देने वाला है। उन्होंने कहा कि हम तो 2 जून शुक्रवार को शाम कोच में खड़े थे, इसलिए हमारी जान बच गई। इन पैसेंजर्स के चेहरे पर डर और खौफ दिखाई दे रहा है। यह लोग कोलकाता से केरल के लिए आ रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। फिलहाल इस हादसे में 280 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हैं।
कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पहले हुई डिरेल
केरल के रहने वाले यात्री किरन ने बताया कि सबसे पहले उनकी ट्रेन बाईं तरफ पलट गई। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई। उस वक्त हम लोग ट्रेन की कोच में खड़े थे, शायद इसलिए हमारी जान बच गई। हमने तीन अन्य लोगों की मदद की जिससे उन्हें बचाया जा सका। हमने बोगी के शीशे तोड़े और उसी से बाहर निकले। हमारे दांत टूट गए, कई जगह चोटें भी लगी हैं, इसके बाद घायलों को हॉस्पिटल ले जाने का काम शुरू हुआ। केरल के रहने वाले यह लोग टाइल का काम करने के लिए कोलकाता गए थे। उन्होंने कहा कि हमारी जान बच गई।
ओडिशा के बालासोर में में कैसे हुआ ट्रेन हादसा
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकरा गईं जिसकी वजह से यह भयंकर एक्सिडेंट हुआ। पैसेंजर ट्रेन कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पहले डिरेल होकर एक मालवाहक ट्रेन से भिड़ गई। इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट डिरेल हुए ट्रेन के डिब्बों से टकरा गई। मौतों की संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि कई यात्री गंभीर हालत में हैं। इस एक्सिडेंट में दो पैसेंजर ट्रेनों में सबसे ज्यादा क्षति हुई है। जबकि तीसरी ट्रेन मालवाहक है। मालवाहक ट्रेन को वहां पार्क किया गया था। सबसे खतरनाक ट्रेन हादसा 7 बजे हुआ जब ज्यादातर यात्री सो रहे थे। कोरोमंडल शालीमार ट्रेन चेन्नई जा रही थी, जो सबसे पहले डिरेल हुई और उसके डिब्बे पटरी पर बिखर गए।
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