सार

देश में हीट वेव (heat wave) की शुरुआत हो चुकी है। इसके चलते पश्चिमी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और जम्मू क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ने लगी है। सौराष्ट्र और कच्छ, विदर्भ, गुजरात क्षेत्र के कुछ हिस्सों और पश्चिम मध्य प्रदेश में लू चलने लगी है। मौसम विभाग(IMD) ने अलर्ट किया है कि अगर ऐसा ही मौसम रहा, तो इससे रबी की फसल की उपज पर बुरा असर पड़ सकता है। जानिए मौसम का हाल...

नई दिल्ली. आमतौर पर देश में हीट वेव(heat wave) की शुरुआत मार्च के आखिरी हफ्ते और अप्रैल के शुरुआत से हो जाती है। लेकिन इस बार यह अभी से शुरू हो गई है। अगर सिर्फ पिछले 4-5 दिनों के तापमान को देखें, तो यह 6-8 डिग्री तक उछल गया है। स्काईमेटवेदर(skymetweather) ने चेतावनी दी है कि अगर अधिकतम तापमान ऐसे ही हफ्ते-दो हफ्ते बना रहा, तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कुछ इलाकों के अलावा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में रबी फसल की उपज पर बुरा असर पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें-World Sleep Day: अगर पूरी नहीं हो रही है आपकी की नींद तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, बीमारियों से रहेंगे दूर

यह क्लिक करके आप अपने शहर का टेम्पेचर देख सकते हैं

summer weather report: ऐसा हो सकता है मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, टेम्परेचर बढ़ने से मानसून पूर्व गतिविधियां तेज होंगी। यानी गरज, ओलावृष्टि या धूल भरी आंधियां चल सकती हैं। इनसे खेतों में रखी फसल या कटाई के लिए तैयार फसल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के पश्चिमी भाग पर प्रतिचक्रवात(anticyclone) एक्टिव है। यह देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य भागों में चलने वाली गर्म और शुष्क हवाओं के लिए जिम्मेदार है। हालांकि कहा जा रहा है कि अगले 24 से 48 घंटों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आ सकती है। इससे देश के कई हिस्सों से लू से निजात मिल सकती है।

यह भी पढ़ें-Corona Virus: बीते दिन मिले संक्रमण के 2000 केस, रिकवरी रेट 98.73 प्रतिशत, वैक्सीनेशन 181.04 करोड़ के पार

कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है
स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर गहरे कम दबाव के क्षेत्र के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। 20 मार्च तक यह एक डिप्रेशन में और 21 मार्च तक एक चक्रवात में तेज हो सकता है। इसके बाद यह उत्तर-पूर्व दिशा में बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार तट की ओर बढ़ेगा। वहीं, उत्तरी अफगानिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ((western disturbance) और एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ लद्दाख और आसपास के क्षेत्रों पर है। विदर्भ और आसपास के इलाकों में निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है। एक ट्रफ रेखा विदर्भ के ऊपर सर्कुलेशन से दक्षिण तमिलनाडु तक फैली हुई है।

इन सब गतिविधियों के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी भी हुई। वहीं, केरल और आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश हुई।

यह भी पढ़ें-132 साल बाद आएगा ऐसा पहला चक्रवात, भारी बारिश की संभावना, इन राज्यों में आ सकती है बाढ़

ऐसा हो सकता है अगले दिनों का मौसम
अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है  एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी है। अंडमान सागर के ऊपर 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ समुद्र की स्थिति खराब से बहुत खराब रहेगी। स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात संभव है। केरल और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और पूर्वी असम में भी हल्की बारिश हो सकती है।