सार

एक बार फिर से मौसम से करवट बदली है। उत्तर भारत लेकर से मध्य और पश्चिम तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान के उदयपुर में शीतलहर(cold wave) के चलते 31 जनवरी तक सभी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की छुट्टियां कर दी गई हैं।

वेदर रिपोर्ट. एक बार फिर से मौसम से करवट बदली है। उत्तर भारत लेकर से मध्य और पश्चिम तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान के उदयपुर में शीतलहर(cold wave) के चलते 31 जनवरी तक सभी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की छुट्टियां कर दी गई हैं। IMD के अनुसार दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तराखंड, कश्मीर आदि में हिमपात(snowfall) का अलर्ट है। पढ़िए बाकी डिटेल्स...

ऐसा रह सकता है मौसम

भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) और स्काईमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।

दिल्ली एनसीआर, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि संभव है। तमिलनाडु के तटीय इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।

बीते दिन ऐसा रहा मौसम

प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार, बीते दिन राजस्थान और गुजरात के कई हिस्सों में बारिश और गरज के साथ बौछारें देखी गईं। गुजरात और राजस्थान के छिटपुट इलाकों में भी ओलावृष्टि देखी गई। जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी हुई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी द्वीपों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजस्थान में एक-दो स्थानों पर शीत लहर की स्थिति बनी रही।

मौसम को लेकर यह भी जानिए

स्काईमेट वेदर के मुताबिक,पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर को मिलाने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब और हरियाणा से जुड़ रहा है। झारखंड और आसपास के इलाकों में एक एंटी साइक्लोन बना हुआ है।

एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव(low pressure) का क्षेत्र दक्षिण पूर्व बंगाल और इससे सटे पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर है। रिलेटेड चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों(middle tropospheric levels) तक फैला हुआ है। इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है और तीव्र होकर डिप्रेशन का रूप ले सकता है। यह धीरे-धीरे 1 फरवरी तक श्रीलंका के दक्षिणी भागों की ओर बढ़ जाएगा।

अगर कश्मीर की बात करें, तो यहां 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि जिसे 'चिल्लई कलां' के रूप में जाना जाता है, इस महीने की 31 तारीख को समाप्त हो जाएगी। इसके बाद 20 दिन लंबी 'चिल्लई खुर्द' और 10 दिन लंबी 'चिल्लई बच्चा' होगी। चिल्लाई खुर्द 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। 

( तस्वीर-श्रीनगर की है। क्रेडिट-Dr Aminul khan Suri ट्वीटर)

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