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आर्टिकल 370 से मुक्ति के बाद 4 साल में कश्मीर में आए क्या बदलाव, जानें कैसे शांति से हो रहा विकास
श्रीनगर। 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 (Jammu and Kashmir Article 370) हटाया गया था। इसके चार साल हो गए हैं। इतने समय में घाटी में बड़े बदलाव हुए हैं। यहां पहले की तुलना में अधिक शांति आई है। विकास के काम तेजी से हो रहे हैं।
| Published : Aug 05 2023, 12:37 PM IST / Updated: Aug 09 2023, 11:47 AM IST
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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर तीन दशक से अधिक समय बाद जन जीवन सामान्य हो सका है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर से फिर से खुशियां आईं हैं। 5 अगस्त 2016 से 5 अगस्त 2019 तक विरोध प्रदर्शन और पथराव की घटनाओं के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के हाथों 124 नागरिक मारे गए थे। पिछले चार साल में ऐसी एक भी घटना दर्ज नहीं की गई।
आर्टिकल 370 हटाने के बाद से घाटी में आतंकवादी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है। आतंकियों का तेजी से सफाया हो रहा है। युवाओं को विकास से लाभ मिल रहा है, उन्हें रोजगार मिल रहा है। इसके चलते कम स्थानीय युवा आतंकवाद का रास्ता पकड़ रहे हैं।
2023 में 1 जनवरी से 5 अगस्त तक सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों में 35 आतंकवादी मारे गए हैं। पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 120 से अधिक थी। 2022 में सुरक्षा बलों ने 56 विदेशियों सहित 186 आतंकवादियों को मार गिराया था। जुलाई के अंत तक सिर्फ 12 स्थानीय लोग आतंकवाद में शामिल हुए हैं। इससे सक्रिय उग्रवादियों की संख्या घटकर दहाई अंक में आ गई है।
जम्मू-कश्मीर अभी केंद्र शासित राज्य है। यहां के प्रशासनिक व्यवस्था पर सीधे केंद्र सरकार का कंट्रोल है। इससे राज्य में विकास की नई बयार बही है। यहां 25 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं चल रहीं हैं। 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं।
आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 14,000 करोड़ रुपए का निजी निवेश हुआ था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में औद्योगिक विकास में तेजी आई है। इसके चलते पिछले दो साल में यहां निवेश के लिए 81,122 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले हैं।
पर्यटन जम्मू-कश्मीर के लोगों की आय का मुख्य स्रोत है। आर्टिकल 370 हटने के बाद आई शांति ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा दिया है। घाटी एक बार फिर देशी-विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गई है। पिछले साल यहां 1.88 करोड़ पर्यटक आए थे। प्रशासन को उम्मीद है कि इस साल दो करोड़ से अधिक पर्यटक आएंगे।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले कश्मीर में आतंकवादी आए दिन हड़ताल बुलाते थे। इसका असर कारोबार, शिक्षा और जन जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आई शांति का लाभ आम लोगों को मिल रहा है। यही वजह है कि अब लोग अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए हड़ताल पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।