सार
अग्निपथ योजना के विरोध पत्र विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई है लेकिन कांग्रेस में ही फूट पड़ती दिख रही है। कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने विरोध पत्र पर साइन करने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली। सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना पर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल विरोध पत्र साइन कर रहे हैं। लेकिन इस विरोधी पत्र को लेकर कांग्रेस में ही फूट पड़ती दिख रही है। कांग्रेस में बगावती तेवर दिखा रहे मनीष तिवारी ने एक बार फिर हाईकमान के फैसले के विरोध में अपनी राय रखी है। मनीष तिवारी ने अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर विरोध पत्र साइन करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, मौखिक रूप से मनीष तिवारी ने अग्निपथ का विरोध किया है। सोमवार को उन्होंने कहा कि वह आधुनिकीकरण के पक्ष में हैं लेकिन अग्निपथ के क्रियान्वयन के खिलाफ हैं। फिर भी उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
इन लोगों ने किया है हस्ताक्षर
अग्निपथ योजना के विरोध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे गए पत्र पर कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत रॉय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और राष्ट्रीय जनता दल के एडी सिंह सहित छह विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए। दरअसल, राजनाथ सिंह सोमवार को पार्लियामेंट्री कमेटी को योजना की जानकारी दे रहे थे। श्री सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा समिति में 20 सदस्य हैं - 13 लोकसभा से और लगभग 7 राज्यसभा से इस बोर्ड में मेंबर हैं।
अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद हिंसक प्रदर्शन
पिछले महीने अग्निपथ योजना को लागू किया गया था। इस योजना के ऐलान के साथ ही बिहार सहित कई उत्तरी राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। देशभर में चले इस विरोध प्रदर्शन में कई दर्जन ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। काफी सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। योजना के विरोध में हुए प्रदर्शन में तेलंगाना में एक युवक की जान भी चली गई थी।
हालांकि, विरोध प्रदर्शनों के बीच लगातार कुछ संशोधनों के साथ सरकार ने भर्ती योजना के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया। इस सप्ताह की शुरुआत में, भारतीय वायु सेना ने कहा कि उसे इस योजना के तहत लगभग 7.5 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं।
कौन हैं मनीष तिवारी?
मनीष तिवारी कांग्रेस के प्रवक्ता रहे हैं। वह केंद्र में रही कांग्रेस सरकार के सीनियर मिनिस्टर रह चुके हैं। हालांकि, बीते कुछ दिनों से शीर्ष नेतृत्व पर लगातार निशाना साध रहे हैं। तिवारी, जी-23 नेताओं में से एक हैं जिन लोगों ने सोनिया गांधी को विस्फोटक आलोचनात्मक पत्र लिखकर नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। मनीष तिवारी ने अपनी नई पुस्तक में 26/11 के आतंकवादी हमलों की प्रतिक्रिया पर यूपीए सरकार की आलोचना की है।
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