सार

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड को अंतरराष्ट्रीयस्तर पर उपयोग की अनुमति मिल सकती है। माना जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)जल्द इस संबंध में निर्णय लेगा। इस वैक्सीन को सबसे पहले यूके मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने 29 दिसंबर को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी।

नई दिल्ली. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ करने वाले भारत में बनी वैक्सीन कोवीशील्ड की दुनियाभर से डिमांड आ रही है। पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड को अंतरराष्ट्रीयस्तर पर उपयोग की अनुमति मिल सकती है। माना जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जल्द इस संबंध में निर्णय लेगा। बता दें कि कोवीशील्ड को 3 जनवरी को भारत में ड्रग रेगुलेटर ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद 16 जनवरी से भारत में शुरू हुए वैक्सीनेशन के लिए सरकार ने कोवीशील्ड के 1.1 करोड़ डोज खरीदे हैं। इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा
WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि SII रैपिड असेसमेंट के लिए उन्हें जल्द फुल डेटा सेट्स मुहैया कराएगा। इसके बाद WHO यह तय करेगा कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अंतरराष्ट्रीयस्तर पर इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है या नहीं।

उल्लेखनीय है कि इस वैक्सीन को सबसे पहले यूके मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने 29 दिसंबर को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद भारत सहित ब्राजील, अर्जेंटीना, डोमिनिकन रिपब्लिक, अल सल्वाडोर, मैक्सिको और मोरक्को ने भी हरी झंडी दिखाई। सीरम इंस्टीट्यूट को उम्मीद है कि जल्द कोवीशील्ड के लिए यूरोपीयन मेडिसिंस एजेंसी (EMA) से भी अप्रूवल मिल जाएगा। 

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