सार
आज विश्व हास्य दिवस (World Laughter Day) मनाया जा रहा है। डॉ कटारिया ने 1998 में इसकी शुरुआत की थी। इसे इंसान के जीवन में हंसी के पल बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह मई महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है।
नई दिल्ली। आज के भागदौर भरे जीवन में लोग तनाव और डिप्रेशन जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इससे न सिर्फ इंसान का काम प्रभावित होता है बल्कि इसका असर उसके जीवन और परिवार पर भी पड़ता है। डिप्रेशन और तनाव दूर करने के लिए हंसना सबसे प्रभावी माना जाता है। हंसने से न सिर्फ वह इंसान खुशी महसूस करता है बल्कि उसके आसपास के लोगों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है। हंसने से रोग दूर होते हैं और दिल के साथ-साथ दिमाग भी स्वस्थ रहता है।
इंसान के जीवन में हंसी के पल बढ़ाने के विश्व हास्य दिवस (World Laughter Day) जाता है। यह मई महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। यह दिन लोगों में हंसी के स्वास्थ्य लाभ और चिकित्सीय प्रभावों को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इसे पहली बार मुंबई में 11 जनवरी 1998 को मनाया गया था। इसका आयोजन विश्वव्यापी हंसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ मदन कटारिया द्वारा किया गया था।
डॉ कटारिया ने शुरू किया था हंसी योग आंदोलन
डॉ कटारिया चेहरे की प्रतिक्रिया परिकल्पना के कारण हंसी योग आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित हुए थे। वे मानते थे कि किसी व्यक्ति के चेहरे का भाव उनकी भावनाओं पर प्रभाव डाल सकता है। विश्व हास्य दिवस दुनिया भर में हजारों सामुदायिक समूहों को भी बढ़ावा देता है, जिन्हें आमतौर पर लाफ्टर क्लब के रूप में जाना जाता है। लाफ्टर क्लब के सदस्य नियमित रूप से जानबूझकर हंसी के सरल तकनीकों का अभ्यास करते हैं।
हंसी चिकित्सा के लाभ
योग विशेषज्ञ और डिवाइन सोल योग के संस्थापक दीपक मित्तल के अनुसार हंसी सबसे अच्छी दवा है। अनुसंधान और अध्ययनों से पता चला है कि हंसने के लाभ दूरगामी हैं। यह दर्द दूर करने, मूड अच्छा करने, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने और खुशी लाने में मदद कर सकता है। मन और शरीर को संतुलन में लाने के लिए हंसी सबसे अच्छा हथियार हो सकती है। कई सदियों से इसका उपयोग शरीर और दिमाग को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है।
हंसने से इंसान की मांसपेशियां, फेफड़ा और हृदय उत्तेजित होते हैं। इससे शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है। यह ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। हंसी एपिनेफ्रीन (एड्रेनालाईन) और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन को कम करता है। यह शरीर में एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाओं को बढ़ाने और टी-कोशिकाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में भी मदद करता है। हंसी अवसाद, तनाव और चिंता कम करने के साथ-साथ आत्म-सम्मान में सुधार करने में मदद करती है। इससे नकारात्मक भावनाएं दूर होती हैं। हंसने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है। इससे दर्द और मांसपेशियों का तनाव कम होता है।