सार
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवान शाम छह बजे हरिद्वार में अपने मेडल गंगा नदी में बहाएंगे। इसके बाद वे इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे।
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan singh) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों (Wrestlers protest) ने फैसला किया है कि वे अपना मेडल गंगा नदी में बहाएंगे। इसके लिए वे हरिद्वार जाएंगे। शाम छह बजे वे अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। इसके बाद दिल्ली के इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे।
गंगा में मेडल बहाने को लेकर खिलाड़ियों ने कहा है कि वे गंगा नदी को मां मानते हैं। गंगा नदी सबसे पवित्र नदी है। जिस तरह गंगा जी का पानी पवित्र है उसी पवित्रता से उन्होंने मेहनत की और देश के लिए मेडल जीता। जब उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है तो मेडल रखने का मतलब नहीं है। इसलिए अपने मेडल मां गंगा को समर्पित कर रहे हैं।
बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं पहलवान
दरअसल, पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। 28 मई को पहलवानों ने जंतर-मंतर से संसद की ओर मार्च करने की कोशिश की। इसी दिन नई संसद का उद्घाटन हुआ था।
जंतर-मंतर पर लगी है विरोध प्रदर्शन पर रोक
पुलिस ने पहलवानों को मार्च निकालने से रोक दिया था। इस दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया और पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया। बाद में पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का टेंट हटा दिया। अब पहलवानों को यहां विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उनपर दंगा के आरोप लगाए गए हैं।
घर जाने का मतलब नहीं: बजरंग पूनिया
हिरासत में लिए जाने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा था, "दिल्ली पुलिस को बृजभूषण सिंह के खिलाफ केस करने में 7 दिन लगे, लेकिन खिलाड़ियों पर एफआईआर करने में चंद घंटे भी नहीं लगे। इसके लिए दिल्ली पुलिस को मेडल मिलना चाहिए। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, घर जाने का कोई मतलब नहीं है।"