JKLF के आतंकी यासीन मलिक ने सनसनीखेज दावा किया है। कहा है कि पाकिस्तान जाकर हाफिज सईद से मुलाकात करने के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने उन्हें धन्यवाद दिया था। मलिक आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
Yasin Malik Explosive Claim: जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकवादी यासीन मलिक ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर बड़ा दावा किया है। मलिक टेरर फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसने कहा है कि मनमोहन सिंह ने 2006 में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मुलाकात के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया था।
यासीन मलिक का दावा- भारतीय खुफिया अधिकारियों के कहने पर हाफिज सईद से की मुलाकात
यासीन मलिक ने अगस्त में दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में ये दावे किए थे। उस पर जम्मू-कश्मीर में तैनात तीन वायुसेना अधिकारियों की हत्या का भी आरोप है। मलिक ने दावा किया कि हाफिज सईद के साथ उसकी मुलाकात कोई स्वतंत्र पहल नहीं थी। यह मुलाकात पाकिस्तान के साथ गुप्त शांति प्रक्रिया के तहत सीनियर भारतीय खुफिया अधिकारियों के निर्देश पर हुई थी।
मलिक ने बताया कि जहां तक 2006 में पाकिस्तान में हाफिज सईद के साथ मेरी मुलाकात का सवाल है, मैंने ट्रायल कोर्ट के जज को जानकारी दी थी। कहा था कि मैं कश्मीर के दोनों हिस्सों में आए भूकंप के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में मानवीय सहायता और राहत कार्य करने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने वाला था। इस भूकंप में एक लाख से अधिक कश्मीरी मारे गए थे।
हाफिज सईद से मिलने पर मनमोहन सिंह ने दिया धन्यवाद
यासीन मलिक ने अपने हलफनामे में कहा, "तत्कालीन विशेष निदेशक आईबी वीके जोशी ने मुझसे नई दिल्ली में मुलाकात की थी। मुझसे अनुरोध किया था कि मैं पाकिस्तान में राजनीतिक नेताओं से मिलूंगा, इसलिए यह बहुत मददगार होगा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, हाफिज सईद और पाकिस्तान के अन्य आतंकवादियों के साथ बातचीत करूं। इससे कश्मीर मुद्दे पर शांति प्रक्रिया में हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मदद हो सकेगी।"
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यासीन मलिक ने कहा, "हाफिज सईद से मिलने के लिए विशेष अनुरोध किया गया था। सईद से मिलने के बाद मैं पाकिस्तान से नई दिल्ली लौटा। विशेष निदेशक आईबी वीके जोशी ने डीब्रीफिंग अभ्यास के हिस्से के रूप में मुझसे होटल में मुलाकात की। मुझसे प्रधानमंत्री को तुरंत जानकारी देने का अनुरोध किया। मैंने उसी शाम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एन.के. नारायण भी मौजूद थे। मैंने उन्हें अपनी बैठकों के बारे में जानकारी दी और संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने मेरे प्रयासों, समय, धैर्य और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया।"
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