सार
साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रोज दो-तीन किलो गाली खाता हूं' से लेकर 'मैं सेवक हूं मेरी औकात क्या' जैसे कई बयान दिए, जिसकी खूब चर्चा हुई। उन्होंने यूक्रेन जंग को लेकर कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है।
नई दिल्ली। साल 2022 समाप्त होने को है। इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रोज दो-तीन किलो गाली खाता हूं' से लेकर 'मैं सेवक हूं मेरी औकात क्या' जैसे कई बयान दिए, जिसकी खूब चर्चा हुई। वैश्विक स्तर पर बयान की बात करें तो नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मीटिंग के बाद उनके साथ बैठकर यूक्रेन जंग को लेकर कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। अमेरिका से लेकर यूरोप तक मोदी के इस बयान की चर्चा हुई थी और कई राष्ट्राध्यक्षों ने इसपर बात की थी। आगे पढ़ें नरेंद्र मोदी के खास बयान...
आज का युग युद्ध का नहीं
एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 के दौरान उज्बेकिस्तान के समरकंद में 16 सितंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हुई थी। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं रूस और यूक्रेन का आभार प्रकट करना चाहता हूं। यूक्रेन युद्ध के शुरुआत में हमारे हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे। उन्हें सुरक्षित निकालने में रूस और यूक्रेन ने बहुत मदद की। इसके लिए मैं दोनों देशों का आभारी हू्ं। आज का युग युद्ध का नहीं है। बातचीत और कूटनीति से समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए। इस मुद्दे पर हमारी बात हुई है। हमने इनका (व्लादिमीर पुतिन) का नजरिया समझा है। आने वाले दिनों में शांति के रास्ते पर कैसे बढ़ा जा सकता है इसको लेकर भी बात हुई है।"
रोज खाता हूं 2-3 किलो गाली
12 नवंबर को नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में एक जनसभा के दौरान कहा था, "कुछ लोग सुबह-शाम मोदी को गालियां देते रहते हैं। मैं पिछले 20-22 साल से बड़ी वेराइटी-वेराइटी की गालियां खा चुका हूं। मैं रोज दो किलो,ढाई किलो, तीन किलो गाली खाता हूं। परमात्मा ने मेरे भीतर ऐसी रचना कर दी है कि सारी गालियां मेरे अंदर प्रॉसेस होकर न्यूट्रिशन में कन्वर्ट हो जाती हैं। एक सकारात्मक ऊर्जा बन जाती है जो जनता की सेवा में काम आती है।"
मैं सेवक हूं, मेरी कोई औकात नहीं
गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सुरेंद्र नगर में एक जनसभा में नरेंद्र मोदी ने कहा था, "इनका अहंकार देखिए। वे कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को औकात बता देंगे। मोदी को उसकी औकात दिखा देंगे। अरे मां-बाप, तुम तो राज परिवार से हो, मैं सामान्य परिवार से हूं। मेरी कोई औकात नहीं है। मैं तो सेवक हूं। सेवक की भला कोई औकात होती है। आपने मुझे मौत का सौदागर, नीच, गंदी नाली का कीड़ा और न जाने क्या-क्या कहा।"
रेवड़ी कल्चर वाले नहीं बनवाएंगे एक्सप्रेस वे
16 जुलाई को पीएम ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के दौरान कहा था, "हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है।"
कांग्रेसियों ने रामभक्तों की धरती पर मुझे 100 सिर वाला 'रावण' बुलवाया
3 दिसंबर को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कलोल में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के 'रावण' वाले बयान पर पलटवार किया था। मोदी ने कहा, "मैं खड़गे का सम्मान करता हूं। वह वही कहेंगे जो उन्हें कहने के लिए कहा जाएगा। कांग्रेस को नहीं पता कि यह राम भक्तों का गुजरात है। रामभक्तों की इस भूमि पर खरगे से मुझे 100 सिर वाला रावण कहने के लिए कहा गया और उन्होंने ऐसा किया।"
'जान की बाजी लगाकर भी पंजाब को अलगाववादियों से बचाऊंगा'
पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को कहा था, "पंजाब में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जो काम किया है उसकी सराहना करता हूं। अलगाववादियों से पंजाब को बचाने का काम भाजपा करेगी। पंजाब को अलगाववादी राजनीति से सतर्क रखना भाजपा का दायित्व था। जान की बाजी लगाकर भी इस काम को करता रहूंगा।"
विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है
पीएम ने 2 सितंबर को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, "विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है विशेष है। भारत के बुलंद हौसलों की हुंकार है। यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत।"
एक व्यक्ति के कारण अनसुलझा रहा कश्मीर मुद्दा
10 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी ने गुजरात में एक जनसभा के दौरान कहा था, "सरदार साहेब (सरदार वल्लभ भाई पटेल) सभी रियासतों को भारत में विलय कराने के लिए मनाने में सफल रहे, लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने कश्मीर के इस मुद्दे को हल करने का जिम्मा संभाला था। वह अनसुलझा ही रह गया। मैं सरदार साहब के नक्शे कदम पर चलता हूं। मुझ में सरदार पटेल की भूमि के मूल्य हैं और यही कारण है कि मैंने कश्मीर की समस्या का समाधान किया और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी।"
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'2G की नीयत और 5जी की नीयत में फर्क होता है'
1 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में देश में 5जी सेवा लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने 2G की बात कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज कसा था। नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत में संचार क्रांति लाने के लिए हमारी सरकार ने 4D पर काम किया। 2G की नीयत और 5जी की नीयत में फर्क होता है। देश के अधिक से अधिक लोग मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करें, इसके लिए जरूरी था कि डिवाइस की लागत कम हो। 2014 तक करीब 100 फीसदी मोबाइल फोन आयात होते थे। इसलिए हमने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का फैसला किया। हमने मोबाइल निर्माण इकाइयों की संख्या बढ़ाई। 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। अब हमारे पास 200 से अधिक इकाइयां हैं। भारत से अब मोबाइल फोन का निर्यात हो रहा है। इसके साथ ही लोगों को कम कीमत पर अच्छे फीचर वाले मोबाइल फोन मिल रहे हैं।"
'डंके की चोट पर बॉर्डर पर हो रहा काम'
18 दिसंबर को मेघालय में नरेंद्र मोदी ने नाम लिए बिना चीन को दो टूक जवाब दिया। नरेंद्र मोदी ने कहा, "लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकार की इसी सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन और नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।"
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