सार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक सरकार को क्लियर मैसेज दिया है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हर हाल में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। कर्नाटक में बीजेपी को हराने के बाद कांग्रेस नेता ज्यादा सक्रिय हो गए हैं।
Rahul Gandhi Massage To Karnataka. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सूत्रों के हवाले से राहुल गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं होना चाहिए और हमें लोगों से किए गए वादों को पूरा करना होगा। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि इसमें कोई कमी न हो।
राहुल गांधी का जीरो टॉलरेंस मैसेज
कांग्रेस के राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस होगा। उन्होंने संकेत देते हुए कि कहा कि यह भाजपा के खिलाफ पार्टी के अभियान में बड़ा मुद्दा हो सकता है। यह संदेश कर्नाटक में हुई बैठक में दिया गया, जहां कई नेता केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। हालांकि पिछली बसवराज बोम्मई सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों के बावजूद पार्टी ने इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में भारी जीत हासिल की है। कर्नाटक में नेताओं के साथ बैठक के बाद सूत्रों ने उनके हवाले से कहा कि भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं होना चाहिए और हमें लोगों से किए गए वादों को पूरा करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इसमें कोई कमी न हो। सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को एक साथ काम करना होगा और उन्हें आवंटित संसदीय क्षेत्रों में जवाबदेह ठहराया जाएगा।
चुनावी वादे पूरे करने में जुटी कांग्रेस
कर्नाटक राज्य की बात करें तो यहां भारी जनादेश हासिल करने के बाद कांग्रेस के पास अब अपने चुनावी वादों को लागू करने का बड़ा काम है। इसमें से एक स्वच्छ शासन का मुद्दा है। यह एक ऐसा वादा था जिसका पूर्व सीएम बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ 40 प्रतिशत रिश्वतखोरी के आरोपों के मद्देनजर बहुत महत्व है। यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचेगी और उनके साथ बैठकें करेगी। इतना ही नहीं अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर चुनावी वादों को पूरा करना भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस का लक्ष्य राज्य में प्राप्त 42 प्रतिशत वोटों को बरकरार रखना है ताकि वे 2024 में अधिकांश संसदीय सीटें जीत सकें। सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी ने उन परिस्थितियों को ध्यान में रख रही है जहां भाजपा अकेले चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा भाजपा और एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर के मिलकर भी चुनाव लड़ने की संभावना है।
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