सार
गुजरात के साफिन हसन ने एक नया इतिहास रचा है। महज 22 साल की उम्र में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास करके देश के वह सबसे युवा आईपीएस अधिकारी बन गए हैं। वे 23 दिसंबर को जामनगर के जिला पुलिस उपाधीक्षक का पदभार ग्रहण करेंगे।
राजकोट (गुजरात). कहते हैं मंजिलें उनकों मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। ऐसी ही कामयाबी और कुछ कर दिखाया है गुजरात के साफिन हसन ने जिन्होंने एक नया इतिहास रचा है। 22 साल के हसन देश में सबसे युवा आईपीएस अधिकारी बन गए हैं। वे 23 दिसंबर को जामनगर के जिला पुलिस उपाधीक्षक का पदभार ग्रहण करेंगे।
किलर खाकर थी UPSC की परीक्षा
जिस दौरान उनके यूपीएससी मैन्स की परीक्षा चल रही थी तभी उनका एक्सीडेंट हो गया था। उनके घुटने और कोहनी में चोट आ गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी साफिन दर्द की चिंता छोड़कर पेन किलर खाकर खुद गाड़ी चलाकर परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। बता दें जिस समय UPSC का इंटरव्यू था उस दौरान उनको तेज बुखार था। उनको इंजेक्शन लग रहे थे। लेकिन उनका जज्बा देखने लायक था, वह अस्पताल से छुट्टी लेकर इंटरव्यू देने के लिए गुजरात से दिल्ली गए थे।
मां ने 14 साल तक लोगों के घरों में किया है काम
बता दें कि साफिन की घर की माली हालत कुछ खास अच्छी नहीं है। उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति शुरु से ही खराब रही है। उनके पिता मुस्तफा अभी एक डायमंडवर्कर हैं, लेकिन इससे पहले वह ठेला लगाते थे। वहीं उनकी मां नसीम बानो ने 14 साल तक लोगों के घरों और रेस्टरां में काम किया है। लेकिन माता-पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी, आज इसी की बदौलत उनकी मेहनत रंग लाई और उनका आईपीएस अफसर बन गया।
नौकरी मिलने के बाद भी IPS बनने की नहीं छोड़ी जिद
बनासकांठा के पालनपुर तहसील के छोटे से गांव कणोदर में प्राथमिक शिक्षा के बाद हसन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सूरत चला गया। वहां उन्होंने काफी मेहनत की और गुजरात पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर जिला रजिस्ट्रार बनने की उपलब्धि हासिल की। मगर हसन के मन में आईपीएस बनने की ललक थी। इसके बाद हसन ने 570वीं रैंक के साथ पिछले साल आईपीएस की परीक्षा पास की।
फेसबुक पर 80 हजार से अधिक हैं हसन के फॉलोअर
साफिन सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं, फेसबुक पेज पर उनके करीब 80 हजार से अधिक फॉलोअर हैं। एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि 'मैं गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर जिला रजिस्ट्रार तो बन गया, लेकिन मन में अभी भी आईएएस या आईपीएस बनने की इच्छा थी। इसके बाद पिछले साल 570वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास की।'
परिवार की स्थिति देख स्कूल ने माफ कर दी थी फीस
बताया जाता है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी भी अच्छी नहीं थी कि वह स्कूल की फीस दे सकें। लेकिन साफिन पढ़ने में बचपन से ही होशियार था। परिवारिक स्थिति देख कर पालनपुर के स्कूल ने 11वीं और 12वीं की फीस माफ कर दी थी।उनके रिश्तेदारों ने उनकी आगे की पढ़ाई में काफी मदद की। जिसकी बदौलत उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
इस एक प्रोग्राम को देख IPS बनने का ठाना
बचपन में साफिन अपनी मौसी के साथ एक स्कूल में गए थे, इस दौरान वहां एक फंक्शन चल रहा था, जिसमें चीफ गेस्ट कलेक्टर थे। उनकी स्वागत-सत्कार देख साफिन ने मौसी से पूछ, यह कौन है जिसका इतना सम्मान किया जा रहा है। तब मौसी ने बताया यह ये आईपीएस हैं ओर अपने जिले के मुखिया। बस यहीं से साफिन ने मन में ठान लिया कि मैं भी एक दिन इतना बढ़ा अधिकारी बनूंगा। चाहे इसके लिए मुझको कितनी ही मेहनत क्यों ना करने पड़े।