सार

राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ईसाई तीर्थ यात्री जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है उन्हें यरुशलम, बेथलेहम, नज़रथ, जॉर्डन नदी, मृत सागर और गैलिली सागर की यात्रा करने के लिए अब 60,000 रुपये की मदद दी जाएगी।
 

अमरावती. आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों के क्रमश: यरुशलम और हज पर जाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद में वृद्धि की घोषणा की। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद इलयास रिज़वी ने इस संबंध में दो अलग-अलग आदेश जारी किए। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ईसाई तीर्थ यात्री जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है उन्हें यरुशलम, बेथलेहम, नज़रथ, जॉर्डन नदी, मृत सागर और गैलिली सागर की यात्रा करने के लिए अब 60,000 रुपये की मदद दी जाएगी।

वहीं तीन लाख से अधिक सालाना आय वालों को इन स्थानों की यात्रा करने के लिए अब 20,000 रुपये के बजाय 30,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। ईसाई तीर्थ यात्रियों की मदद में आखिरी बार 2016 में तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने वृद्धि की थी और सहायता राशि बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी थी। इस योजना की शुरुआत 2013 में एकीकृत आंध्रप्रदेश में हुई थी और तब यरुशलम की धार्मिक यात्रा करने पर सरकार 20,000 रुपये की आर्थिक मदद देती थी। प्रधान सचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इसी तरह की आर्थिक मदद मुस्लिमों को हज के लिए दी जाएगी।

मुस्लिमों को यह राशि हज यात्रा के अलावा आने वाले खर्चों के लिए दी जाएगी। आदेश के मुताबिक राज्य सरकार बढ़ी हुई आर्थिक मदद अब उन्हीं श्रद्धालुओं को मुहैया कराएगी जो खुद पूरा खर्च वहन नहीं कर सकते। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश हज समिति हज पर रवाना होने से 48 घंटे पहले हाजियों के रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था करेगी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)