सार
सरकार का यह फैसला राज्य सरकार द्वारा संचालित मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित करने के कदम के मद्देनजर आया है। सरमा ने कहा कि हालांकि, स्कूलों के नामों से केवल ‘मकतब’ शब्द को हटाया जाएगा, जबकि नाम में लिखे बाकि शब्दों को वैसे ही रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे उन छात्रों के लिए समस्याएँ पैदा हुई हैं, जो प्राथमिक विद्यालयों में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च विद्यालयों में प्रवेश चाहते हैं।
गुवाहाटी. असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि असम सरकार 63 राजकीय और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के नामों से ‘मकतब’ (इस्लामी धार्मिक अध्ययन केंद्र) शब्द को तत्काल प्रभाव से हटाएगी।
मंत्री ने कहा इससे छात्रों के लिए समस्याएँ पैदा हो रही थी
सरकार का यह फैसला राज्य सरकार द्वारा संचालित मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित करने के कदम के मद्देनजर आया है। सरमा ने कहा कि हालांकि, स्कूलों के नामों से केवल ‘मकतब’ शब्द को हटाया जाएगा, जबकि नाम में लिखे बाकि शब्दों को वैसे ही रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे उन छात्रों के लिए समस्याएँ पैदा हुई हैं, जो प्राथमिक विद्यालयों में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च विद्यालयों में प्रवेश चाहते हैं।
राज्य के वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे विद्यालयों के छात्रों से उच्च विद्यालयों में पढ़ाई करने की उनकी क्षमताओं के बारे में पूछताछ की जाती है, जहां कोई धार्मिक अध्ययन नहीं होता है।’’ सरमा ने कहा कि मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को पहले ही उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित करने के सरकार के फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया था और राज्य का बजट पेश होने के बाद शुरू होने वाली इसकी प्रक्रिया के अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)