सार

दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। इसके बाद कला संकाय में भारी बल की तैनाती कर दी गई है।

सूत्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के छात्रों ने जामिया की स्थिति का हवाला देकर रविवार रात अपने प्राध्यापकों को पत्र लिख कर परीक्षाओं को टालने का अनुरोध किया लेकिन देर हो जाने की वजह से इस पर विचार नहीं किया जा सका।

स्थगन का फैसला संभव नहीं है

एक सूत्र ने बताया कि छात्रों से कहा गया कि, चूंकि परीक्षाएं खत्म होने की कगार पर हैं, इसलिए उनके स्थगन का फैसला संभव नहीं है। साथ ही सूत्रों ने कहा कि परीक्षा टालने का फैसला केवल विश्वविद्यालय ले सकता है न कि संबंधित विभाग। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने परीक्षाओं का बहिष्कार कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की। हालांकि, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ छात्र दूसरों को परीक्षा देने से रोक रहे थे और पुलिस उन पर नजर रखने के लिए वहां मौजूद थी। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मोनिका भारद्वाज ने कहा, “हम परिसर में बस नजर रखने के लिए थे क्योंकि कुछ छात्र दूसरों को परीक्षा देने से रोक रहे थे।”

साथ ही अधिकारी ने कहा कि उन्होंने किसी छात्र को हिरासत में नहीं लिया और न ही किसी पर बल प्रयोग किया। हालांकि, एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ''हम किसी भी संभावित झड़प से बचने के लिए छात्रों को यहां (दिल्ली विश्वविद्यालय) से तितर-बितर करना चाहते हैं। परीक्षाएं चल रही है।''

प्रदर्शनकारियों ने किया हमला

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) ने घटना की निंदा की है। डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने बयान में कहा, ''यह मेरा कर्तव्य है कि किसी छात्र को अगर परीक्षा देने से रोका जाए तो मैं उसकी मदद करूं। कुछ मुट्ठीभर छात्र दावा कर रहे हैं कि परीक्षाएं बाद में होंगी।'' दहिया ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला किया। उन्होंने कहा, ''कुछ छात्रों ने मुझसे मदद मांगी और जब मैं उनकी मदद के लिए गया तो उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। इनमें से अधिकतर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भी नहीं थे। वे मेरे सामने देश विरोधी नारे लगा रहे थे। हम कभी भी दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐसा नहीं होने देंगे।''

दहिया ने कहा, ''हम विश्वविद्यालय को बंद करने के आह्वान को खारिज करते हैं और मैं प्रत्येक छात्र तक जाऊंगा ताकि वह बिना भय परीक्षा दे सके।'' राजनीति शास्त्र के छात्रों ने जामिया के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए परीक्षाओं का बहिष्कार किया।

डूसू की शांतिपूर्ण परीक्षा कराने की मांग 

रामजस कॉलेज के एक छात्र, अभिज्ञान ने कहा, ''मैं एकमात्र ऐसा छात्र हूं जिसे मौरिस नगर पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया। जामिया छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कला संकाय के बाहर 60-70 छात्रों का समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था।''डूसू की संयुक्त सचिव शिवांगी खारवाल ने कहा, ''परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से हो रही हैं, लेकिन वाम संगठन के छात्रों ने इसे रोकने की कोशिश की। डूसू शांतिपूर्ण परीक्षा कराने की मांग करता हैं लेकिन वे दिल्ली विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।''

हालांकि, कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस अखिल विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी)के छात्रों का समर्थन कर रही है। एमफिल के छात्र पंकज ने कहा, ''हमने देखा कि कैसे पुलिस एबीवीपी समर्थकों का बचाव कर रही है जबकि जामिया की घटना का विरोध कर रहे छात्रों से बदसलूकी कर रही है।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)