सार
किसी ने सही कहा है कि अच्छा दोस्त वो होता है, जो हर कदम पर साथ दे, खुद के साथ-साथ दोस्त का भी करियर बनाए। फ्रेंडशिप डे 2022 के अवसर ऐसे तीन जिगरी दोस्तों की कहानी जानिए...जो एक साथ पढ़े और एक साथ आईएएस अधिकारी भी बने।
दिल्ली. हर साल की तरह इस बार भी अगस्त महीने के पहले संडे को पूरी दुनिया में फ्रेंडशिप डे यानि मित्रता दिवस मनाया जा रहा है। जहां हर कोई अपने फ्रेंड को शुभकामनाएं और तोहफे दे रहा है। क्योंकि दोस्ती एक ऐसा अनोखा रिश्ता है जो खून का नहीं होकर भी खून से कहीं ज्यादा गहरा है। आपने दोस्ती की कई कहानियां और मिसाल देखी होंगी, लेकिन फ्रेंडशिप डे 2022 के अवसर ऐसे तीन जिगरी दोस्तों की कहानी बताने जा रहे हैं जो साथ खेले और साथ पढ़े, लेकिन तीनों एक साथ यूपीएससी एग्जाम पास किया और साथ आईएएस ऑफिसर भी बने। आइए तीनों दोस्त के बारे में जानते हैं डिटेल स्टोरी...
तीनों ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की अलग-अलग रैंक
दरअसल, हम जिन तीन दोस्तों के बारे में बात कर रहे हैं उनके नाम विशाल मिश्रा, गौरव विजयराम और साद मियां खान हैं। जो तीनों जिगरी दोस्त हैं। तीनों ने एक साथ 2017 में देश की सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सर्विसेज पास कर आईएएस अधिकारी बने हैं। तीनों में से साद खान ने 25वीं, गौरव ने 34वीं और विशाल मिश्रा ने 49वीं रैंक हासिल की थी।
तीनों दोस्त एक ही राज्य के रहने वाले
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गौरव विजयराम, साद मियां और विशाल मिश्रा तीनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। गौरव विजयराम सहारनपुर तो विशाल कानपुर के रंजीतपुर तो वहीं साद बिजनौर के निवासी हैं। विशाल और साद ने हरदोई बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एक साथ पढ़ाई की है। वहीं गौरव से इनकी मुलाकात यूपीएससी की तैयारी के दौरान मुलाकात हुई थी। तीनों ने एक साथ यूपीएससी की तैयारी की है।
एक करता मस्ती तो दूसरा था सीरियस
बताया जाता है कि बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी में एक साथ एडमिशन लेने वाले विशाल और साद 2007 से 2012 तक साथ पढ़ाई की। साद जहां मस्ती मजाक नेचर का था, तो वहीं विशाल पढ़ाई में सीरियस था। वहीं इनका तीसरा दोस्त गौरव का सपना था कि वह आईएएस बने। गौरव ने दोनों के लिए यूपीएससी तैयारी करने के लिए मोटिवेट किया। तीनों ने एक ही कोचिंग से तैयारी की और सफलता भी पाई।
तीसरे दोस्ती की ट्रिक से पास की यूपीएससी परीक्षा
दोस्ती के बारे में बताते हुए विशाल ने मीडिया को बताया कि वह एचबीटीयू से बीटेक करने के बाद आईआईटी कानपुर से एमटेक की पढ़ाई करने गया था। जिसके चलते साद से उनकी मुलाकात नहीं हो पाती थी। फिर हम दोनों सोशल मीडिया के जरिए और व्हाट्सएप पर मिले। इसके बाद में 2015 और 2016 में यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचा। वहीं साद ने भी अपने घर रहकर पांच बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर हमारी मुलाकात तीसरे दोस्त गौरव से हुई, जिसने हमारे कई डाउट क्लियर किए। यूपीएससी क्रेक करने की ट्रिक बताई। हर समय तीनों साथ-साथ पढ़ते और साथ मस्ती करते थे।