सार
गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं और यहां भाजपा गठबंधन की सरकार है। इस बार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी आप ने गोवा में सभी विधानसभा चुनाव सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। आप नेता अमित पालेकर (Amit Palekar) ने कहा- ‘छोटा सा राज्य होने के बावजूद गोवा राजनीतिक दल-बदल के लिए कुख्यात है।
पणजी। गोवा में जल्द ही विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections 2022) होने वाले हैं। यहां पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) भी चुनावी मैदान में है और संगठन को मजबूत कर रही है। गुरुवार को AAP ने अनूठा प्रयोग करने का फैसला लिया है। राज्य में अब आप प्रत्याशियों को एक कानूनी हलफनामे (Legal Affidavit) पर हस्ताक्षर करने होंगे, जिसमें लिखा होगा कि वे अन्य दल में शामिल होने के लिए पार्टी नहीं छोड़ेंगे। पार्टी की तरफ से बताया गया कि आप (AAP) ने चुनाव बाद दल-बदल को रोकने के मकसद से ये फैसला किया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि नेताओं के दूसरे दलों में शामिल होने को लेकर गोवा ‘कुख्यात’ रहा है।
गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं और यहां भाजपा गठबंधन की सरकार है। इस बार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी आप ने गोवा में सभी विधानसभा चुनाव सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। आप नेता अमित पालेकर (Amit Palekar) ने कहा- ‘छोटा सा राज्य होने के बावजूद गोवा राजनीतिक दल-बदल के लिए कुख्यात है। इस समस्या को हल करने के मद्देनजर आप प्रत्याशी एक कानूनी हलफनामे पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें उन्हें पार्टी बदलकर किसी अन्य दल में शामिल नहीं होने का वादा करना होगा।’
अगर प्रत्याशी दल-बदल करेगा तो वोटर्स कर सकेंगे कार्रवाई
पालेकर का कहना था कि क्या कांग्रेस कोई गारंटी दे सकती है कि उसके प्रत्याशी दल-बदल नहीं करेंगे। राज्य में कोई एक भी ऐसी पार्टी नहीं है, जो ये आश्वस्त कर सके कि उसके प्रत्याशी भाजपा में शामिल नहीं होंगे। साल 2019 में कम से कम 10 कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी खुद इन हलफनामों में हस्ताक्षर करेगा और मतदाताओं के बीच वितरित करेगा। आप नेता ने कहा कि अगर प्रत्याशी इससे मुकरता है तो मतदाता उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।