सार
गुजरात के दाहोद में एक स्कूल का मुख्य गेट गिरने से घायल हुई आठ वर्षीय स्कूली छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना के बाद रामपुरा गांव के प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
दाहोद(Gujrat). गुजरात के दाहोद में एक स्कूल का मुख्य गेट गिरने से घायल हुई आठ वर्षीय स्कूली छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना के बाद रामपुरा गांव के प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। घटना के बाद मासूम बच्ची के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक बीते 20 दिसंबर को गुजरात के दाहोद जिले के रामपुरा गांव के प्राथमिक स्कूल का मेन गेट अचानक से जमींदोज हो गया। उस दौरान वहां पर स्कूल की 8 वर्षीय छात्रा अस्मिता खडी थी। गेट सीधे अस्मिता के ऊपर आकर गिरा जिससे वह उसके नीचे दब गई। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए दाहोद के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे अहमदाबाद सरकारी अस्पताल में रिफर कर दिया गया। 5 दिन चले इलाज के बाद रविवार रात उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद प्रिंसिपल को किया गया था सस्पेंड
दाहोद जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (DPEO) मयूर पारेख ने घटना के एक दिन बाद 21 दिसंबर को अधिकारियों के साथ रामपुरा गांव के प्राथमिक स्कूल का दौरा किया था और मुख्य शिक्षिका सावित्रीबेन राठौड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं इस पूरे मामले की जाँच के लिए कमेटी गठित की थी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरूआत में स्कूल बिल्डिंग, बिजली की आपूर्ति समेत अन्य सुविधाओं की रिपोर्ट डीपीईओ कार्यालय को प्रस्तुत की जाती है। स्कूल के मेन गेट की स्थिति के बारे में कोई शिकायत नहीं की गई थी।
जिले के सभी स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश
घटना के बाद DPEO मयूर पारेख ने जिले के टीपीईओ को सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों और इसके बुनियादी ढांचे का नए सिरे से निरीक्षण करने और रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिये हैं। सरकारी नियमों के अनुसार, यदि स्कूल परिसर में किसी दुर्घटना के कारण छात्र को चोट लगती है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो परिवार 50 हजार रुपये के मुआवजे का हकदार है। पारेख ने कहा कि अस्मिता की मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एकत्र करने के बाद मुआवजे की मंजूरी के लिए राज्य सचिवालय में एक आवेदन भेजा जाएगा।