सार

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंतराल पर कुल 21 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी। ब्लास्ट में करीब 200 लोग घायल हुए थे। पुलिस का दावा था कि इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया था।

अहमदाबाद : गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस के आरोपियों की सजा का आज ऐलान होगा। मंगलवार को 13 साल बाद इस ब्लास्ट मामले का फैसला आया। 77 आरोपियों में से विशेष अदालत ने 49 को दोषी माना जबकि 28 को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया। कोर्ट आज इस मामले के दोषियों को सजा सुनाएगा। इन धमाकों में 56 लोग मारे गए थे जबकि दो सौ से ज्यादा घायल हो गए थे। बता दें कि सितंबर 2021 में बम धमाकों  के मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी। विशेष कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान 1100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

खौफनाक था उस दिन का मंजर
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंतराल पर कुल 21 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी। ब्लास्ट में करीब 200 लोग घायल हुए थे। पुलिस का दावा था कि इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया था। इंडियन मुजाहिदीन को सिमी से जुड़ा संगठन बताया जाता है। उस दिन का खौफनाक मंजर देख पूरा शहर दहल गया था। 

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तो क्या गोधरा का बदला लिया था आईएम ने
आरोपों में यह भी कहा गया था कि इंडियन मुजाहिदीन ने यह धमाके 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए किया था। अहमदाबाद में धमाकों के कुछ दिन के बाद पुलिस ने सूरत में विभिन्न स्थानों से बम बरामद किए थे। बम ब्लास्ट के सिलसिले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 एफआईआर दर्ज की गई थीं। 

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जेल में 213 फीट लंबी सुरंग खोदकर भागने की कोशिश
स्पेशल कोर्ट इस मामले की सुनवाई शुरूआत में साबरमती सेंट्रल जेल में कर रही थी। बाद में ज्यादातर सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। 2013 में इस मामले के कुछ आरोपियों ने जेल में 213 फीट लंबी सुरंग खोदकर भागने की कोशिश की थी। 

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