सार
सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल खोलने पर निर्णय लिया गया। 10 नवंबर से तीसरी से सातवीं कक्षा तक के स्कूल भी खोलने का फैसला लिया
शिमला (हिमाचल). देश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है। वहीं दूसरी तरफ 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगने के बाद राज्य में छोटे बच्चों के स्कूल भी खुलने लगे हैं। इसी बीच हिमाचल प्रदेश की सरकार की आज कैबिनेट बैठक (Himachal Cabinet) हुई, जिसमें सीएम जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur)ने कई अहम फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला तीसरी से सातवीं कक्षा तक के स्कूल भी खोलने का लिया गया वहीं पहली और दूसरी की कक्षाएं भी खोलने का विचार किया जा रहा है।
इस तारीख से खोले जा रहे छोटे बच्चों के स्कूल
दरअसल, सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल खोलने पर निर्णय लिया गया। 10 नवंबर से तीसरी से सातवीं कक्षा तक के स्कूल भी खोलने का फैसला लिया तो पहली व दूसरी की कक्षाएं 15 नवंबर से खोलने पर विचार किया जा रहा है।
जानिए क्या हिमाचल सरकारा दूसरा बड़ा फैसला
बता दें कि प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर समीक्षा की गई। इसके अलावा सरकार ने दूसरा बड़ा फैसला विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर किया। 10 से 15 दिसंबर तक धर्मशाला में विधानसभा का सत्र आयोजित होगा। सत्र के दौरान पांच बैठकें होंगी।
सीएम जयराम ने इन पर भी लगाई मुहर
हिमाचल सरकार ने तीसरा बड़ा फैसला 21 नवंबर जनमंच कार्यक्रम शुरू करने का लिया। जिसके तहत अब प्रदेश में जयराम सरकार प्रदेश के लोगों की जन समस्याओं को सुनेगी साथ उनको तत्काल समाधान करने का उपाय भी खोजेगी। इसके अलवा प्रदेश सरकार ने फैसला किया कि अब राज्य की सभी बसें 100 प्रतिशत सवारी के साथ चलेंगी। क्योंकि अब तक कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही 50 फीसदी झमता के साथ बसें चलाई जा रही थीं।
चुनाव में हार को लेकर भी हुआ मंथन
बता दें कि हिमाचल सरकार की यह कैबिनेट बैठक सोमवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई दोपहर ढाई बजे तक जारी रही। इस बैठक में कई फैसलों के साथ हाल ही में हुए राज्य के उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। साथ मंथन किया गया कि आखिर सत्ता होन के बाद भी पाटी चार में से एक भी सीट कैसे नहीं जीत पाई।