सार

ओडिशा के मल्कानगिरि जिले में बुधवार को एक माओवादी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वह संदिग्ध रूप से आंध्र प्रदेश के एक विधायक की हत्या में शामिल था और उसपर चार लाख रुपये का ईनाम था।

मल्कानगिरि (ओडिशा). ओडिशा के मल्कानगिरि जिले में बुधवार को एक माओवादी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वह संदिग्ध रूप से आंध्र प्रदेश के एक विधायक की हत्या में शामिल था और उसपर चार लाख रुपये का ईनाम था।

नक्सली ने हिंसा से मोहभंग होने पर आत्मसमर्पण किया

मल्कानगिरि के पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश डी खिलारी ने बताया कि 30 वर्षीय जिप्रो हाबिका ने नक्सलवाद के हिंसक रास्ते से मोहभंग होने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। वह 2012 में प्रतिबंधित संगठन भाकपा(माओवाद) में शामिल हुआ था। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने हाबिका पर चार लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था। वह संगठन की आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष जोनल समिति का सदस्य था।

आंध्र प्रदेश के पूर्व विधायक की हत्या में शामिल था हाबिका

पुलिस के बयान में कहा गया है कि हाबिका 2018 में आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में पूर्व विधायक के एस राव और शिवेरी सोमा की हत्या में संदिग्ध रूप से शामिल था। बयान के अनुसार दिसंबर 2016 में ओडिशा के कोरापुट जिले के पुतेरू गांव में नायब सरपंच जी सुंदर राव की हत्या और वाहनों को आग लगाने की घटना में भी संदिग्ध रूप से शामिल था।

हाबिका वरिष्ठ माओवादी नेताओं से निराश था

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा वह कई मौकों पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के साथ हुई गोलीबारी की घटनाओं में भी शामिल था। ओडिशा के कोरापुट के नारायणपटना इलाके के निवासी हाबिका ने कहा कि वह वरिष्ठ माओवादी नेताओं से निराश था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)