गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कृषि कानून वापस लेने के ऐलान का स्वागत करता हूं। उनका कदम एक कुशल राजनेता की पहचान है। केंद्र सरकार किसानों की सेवा करती रहेगी और उनका साथ देती रहेगी।
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- गुरु पर्व पर PM मोदी ने किसानों को दिया बड़ा तोहफाः 14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस, कहा- अब किसान घर जाएं
| Published : Nov 19 2021, 08:32 AM IST / Updated: Nov 19 2021, 10:00 AM IST
गुरु पर्व पर PM मोदी ने किसानों को दिया बड़ा तोहफाः 14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस, कहा- अब किसान घर जाएं
नई दिल्ली। आज श्रीगुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व है और आज से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले तीन दिन के लिए यूपी दौरे पर रहेंगे। वे आज बुंदेलखंड दौरे में महोबा और झांसी को बड़ी सौगातें देंगे। इसके बाद शाम को लखनऊ लौटेंगे। अगले दो दिन 20 और 21 नवंबर को लखनऊ में कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। मोदी यहां 56वें डीजीपी सम्मेलन में शामिल होंगे। इन सभी कार्यक्रमों से पहले मोदी ने सुबह 9 बजे से राष्ट्र को संबोधित किया। कोरोनाकाल में मोदी का ये 11वां संबोधन है। जानिए कार्यक्रम से जुड़े हर अपडेट्स...
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अखिलेश ने कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमि अधिग्रहण और काले कानूनों से गरीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले कानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए- सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी। अखिलेश यादव ने दोपहर में प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई है।
मायावती ने कहा- यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। MSP को लेकर भी सरकार फैसला करे। इस आंदोलन के दौरान किसान शहीद हुए हैं, उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक मदद और नौकरी देने की व्यवस्था करे। मायावती ने कृषि कानून वापसी पर किसानों को बधाई दी। मायावती ने कहा कि फैसला लेने में देरी कर दी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे किसानों की जीत बताया। राहुल ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया। किसानों को जीत की मुबारक। राहुल उन कई नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के कुछ मिनट बाद ही विरोध शुरू कर दिया था। राहुल ने आज गांधी ने किसानों को बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा-‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया, अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!’
संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय का स्वागत किया है। किसान मोर्चा ने कहा कि उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। मोर्चे ने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि किसानों का आंदोलन न सिर्फ तीन काले कानूनों को निरस्त करने के खिलाफ है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा। किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा- किसान आज या कल आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। ये आंदोलन तभी खत्म होगा, जब संसद में इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
किसान एकता मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने को अपनी जीत बताया। किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर कहा- 1 साल के लंबे इंतजार के बाद हम जीत गए। मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। एकता और न्याय ही सफलता का रास्ता है। एक किसान का कहना था कि हमारी 9 मांगें थीं। सरकार ने सबसे बड़ी मांग स्वीकार कर ली है। बाकी 8 मांगें भी सरकार के ध्यान में लाई जाएंगी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा-आज प्रकाश पर्व पर किसानों की जीत हुई है। हम किसानों के आगे नमन है। हम उनके संघर्षों को याद रखेंगे। किसानों को लेकर कहा- ये फैसला उनका है कि कब तक आंदोलन करना है। लेकिन, ये हमारे लिए बहुत अहमियत रखता है। ये हमारे लिए बड़ी भावना रखता है। मोदीजी ने जो कहा है, वो गुरुनानक देवजी की कृपा से ऐसा संभव हुआ है। हमें भरोसा है कि अब तीनों कानून वापस लेंगे। ये कानून गुरु नानक देव की कृपा से वापस होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही किसान अपने घर लौटेंगे। हर चीज में चुनाव से जोड़कर देखा जाता है।
भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि मैं इस कदम का स्वागत करता हूं। 75 साल से किसान विरोधी नीतियों के चलते कर्ज के कारण किसानों की मौत हो गई। मैं पीएम मोदी से एक कृषि समिति बनाने और फसल की दरें तय करने का आग्रह करता हूं। आज की तरह घोषणा से किसानों का कर्ज एक दिन में माफ हो।
संजय राउत ने कहा कि किसान इस देश का अन्नदाता है। किसानों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं कर सकते हैं। मोदीजी का स्वागत और अभिनंदन करते हैं। मोदी जी ने कहा है, तो हमें उनकी बात पर पूरा विश्वास है। विपक्ष की एकता काम आई है। किसानों पर अब तक अत्याचार हुए हैं। यूपी में किसानों को कुचला गया। हरियाणा में सिर फोड़े गए। उसके बाद भी किसान डटे रहे और हटे नहीं। संसद सत्र में सरकार तीन कृषि कानून वापस करना चाहिए। किसानों की एकता आगे याद की जाएगी।
राकेश टिकैत का कहना था कि अभी हम विश्वास नहीं करेंगे। संसद से कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी हम अपना आंदोलन वापस लेंगे। लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है। उन्होंने यह कहा कि फिलहाल संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री की घोषणा को लेकर बातचीत कर रहा है, आगे की रणनीति जल्द बताई जाएगी। उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि ये पहले किया जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री बिजली बिल और एमएसपी पर भी किसानों के पक्ष में फैसला करके उसका निपटारा करें। उन्होंने कहा कि यह किसानों के संघर्ष की जीत है। शहीद हुए किसानों को याद करते उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनकी जत्थेबंदी अपना संघर्ष जारी रखेगी।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने इसे किसान संगठनों की जीत बताया। हालांकि आज भी सिद्दू पंजाब सरकार को नसीहत देने से नहीं चूके। सिद्धू ने ट्वीट किया कि काले कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में एक कदम है। किसान मोर्चा के सत्याग्रह को ऐतिहासिक सफलता मिली है। उनके बलिदान ने लाभांश का भुगतान किया है। पंजाब में एक रोड मैप के माध्यम से खेती को पुनर्जीवित करना पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद पंजाब में खुशी का माहौल है। गुरु पर्व पर पीएम के ऐलान पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया कि गुरु नानक जयंती के पवित्र अवसर पर हर पंजाबी की मांगों को मानने और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए मिलकर काम करती रहेगी।
गुरु पर्व के दिन किसानों की जीत हासिल हुई है। उस सरकार के सामने ये जीत मिली। अहंकार के आगे सच की जीत हुई है। सरकार ने संविधान, कानून, और इंसानियत की बात नहीं सुनी। जब चुनाव आ गए तो सरकार ने ये भाषा सुनी। मोदी ने हमारी एक बात मानी गई। दूसरी बात एमएसपी पर कानून की मांग नहीं मानी गई।
राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद से तीनों कानून वापस नहीं होते, तब तक वह धरने से वापस नहीं उठेंगे। ये किसान आंदोलन तीनों कानून वापस होने तक चलेगा।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। इस पर सभी सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करना चाहिए। उन्होंने किसानों से अपने धरने तुरंत उठाकर घरों को जाने की सलाह दी। विज ने कहा कि किसानों को घर जाकर अपने नियमित कामों में लगना चाहिए।
मोदी ने कहा- अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया। सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा।
मोदी ने कहा- हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी, लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। इसलिए आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फैसला किया है।
मोदी ने कहा- कृषि में सुधार के लिए तीन कानून लाए गए थे, ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले। सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे। जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई। देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं। साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी, लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था। हमने बातचीत का प्रयास किया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। मोदी ने कहा- मैं देश को ये बताने आया हूं हमने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का फैसला किया। इस महीने के अंत में संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू करेंगे। साथ ही मोदी ने किसानों से अपील की कि आप अपने-अपने घर लौटें। खेत में लौटें। परिवार के बीच लौटें। एक नई शुरुआत करते हैं।
मोदी ने कहा- ये भी बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। मोदी ने किसानों का भी जिक्र किया। कहा- मैंने पिछले कई दशकों तक किसानों की परेशानियों को बहुत करीब से देखा, महसूस किया। जब से मुझे मौका मिला, हमारी सरकार उनकी बेहतरी के लिए काम करने में जुट गई।