सार
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान मांझे ने कइयों को घायल कर दिया। खासकर, चाइनीज मांझे ने कइयों के गले इस तरह काट दिए कि वे मौत के मुंह में जाते-जाते बचे।
अहमदाबाद, गुजरात. यहां मकर संक्रांति पर पतंगबाजी ने कइयों की जिंदगी खतरे में डाल दी। मांझे से कई लोगों के गले कट गए। यह मामला नर्मदा जिले के राजपीपला का है। यहां मांझे ने दो सगी बहनों के गले काट दिए। गनीमत रही कि घाव ज्यादा गहरे नहीं हुए, वर्ना जिंदगी पर संकट खड़ा हो सकता था।
दोनों बहनें चित्रकूट सोसायटी में रहती हैं। 20 साल की अलका तड़वी ओर उसकी छोटी बहन ध्रुविका बुधवार को पतंग लेने बाजार जा रही थीं। रास्ते में अचानक एक पतंग की डोर उनके गले में फंस गई। दोनों को फौरन सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया। गनीमत रही कि घाव गहरे नहीं थे।
मम्मी-पापा के संग मंदिर जा रहा था, तभी मांझे ने काट दिया गला
मकर संक्रांति पर देशभर में लोग घायल हुए। यह घटना सूरत की है। यहां मांझे से 4 साल के बच्चे का गला कट गया। गनीमत रही कि उसे समय पर हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया। इससे उसकी जान बच गई। इससे पहले भी यहां ऐसे हादसे सामने आते रहे हैं। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल इंसानों और पक्षियों दोनों के लिए खतरा बनकर सामने आया। पतंग की डोर से पक्षी और लोग दोनों घायल हुए। चलथाण में रहने वाले 4 वर्षीय शिवम का भी मांझे से गला कट गया। शिवम अपने मम्मी-पापा के साथ बाइक पर बैठकर पार्ले पाइंट स्थित अंबाजी माता मंदिर जा रहा था। शिवम के पिता पप्पू सिंह ने बताया कि उन्होंने शिवम को बाइक की टंकी पर आगे बैठा रखा था। बाइक पर शिवम के अलावा पप्पू सिंह के दो बच्चे और बैठे थे। मंगलवार करीब 10 बजे जब ये लोग कोर्ट बिल्डिंग के करीब से गुजर रहे थे, तभी शिवम जोर से चीख पड़ा। देखा, तो उसके गले में मांझा फंसा हुआ था। इससे पहले ही पूरा परिवार बाइक सहित सड़क पर गिर पड़ा था।
कांस्टेबल ने अपना काम छोड़कर बच्चे को हास्पिटल पहुंचाया..
घटना के वक्त वहां से कांस्टेबल गिरीट पटणी गुजर रहे थे। उन्होंने अपनी बाइक रोकी। उसे किसी और को पकड़ाया और बच्चे को बिना विलंब गोद में उठाकर हॉस्पिटल की ओर दौड़ पड़े। बच्चे का गला गहराई तक कट गया था। गनीमत रही कि बच्चो को समय पर इलाज मिला गया और उसकी जान बच गई। शिवम के गले पर 7 सेंटीमीटर लम्बा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हो गया था। उसे 12 टांके लगाने पड़े।
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