मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान मांझे ने कइयों को घायल कर दिया। खासकर, चाइनीज मांझे ने कइयों के गले इस तरह काट दिए कि वे मौत के मुंह में जाते-जाते बचे।

अहमदाबाद, गुजरात. यहां मकर संक्रांति पर पतंगबाजी ने कइयों की जिंदगी खतरे में डाल दी। मांझे से कई लोगों के गले कट गए। यह मामला नर्मदा जिले के राजपीपला का है। यहां मांझे ने दो सगी बहनों के गले काट दिए। गनीमत रही कि घाव ज्यादा गहरे नहीं हुए, वर्ना जिंदगी पर संकट खड़ा हो सकता था।

दोनों बहनें चित्रकूट सोसायटी में रहती हैं। 20 साल की अलका तड़वी ओर उसकी छोटी बहन ध्रुविका बुधवार को पतंग लेने बाजार जा रही थीं। रास्ते में अचानक एक पतंग की डोर उनके गले में फंस गई। दोनों को फौरन सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया। गनीमत रही कि घाव गहरे नहीं थे।

कांस्टेबल ने अपना काम छोड़कर बच्चे को हास्पिटल पहुंचाया..
घटना के वक्त वहां से कांस्टेबल गिरीट पटणी गुजर रहे थे। उन्होंने अपनी बाइक रोकी। उसे किसी और को पकड़ाया और बच्चे को बिना विलंब गोद में उठाकर हॉस्पिटल की ओर दौड़ पड़े। बच्चे का गला गहराई तक कट गया था। गनीमत रही कि बच्चो को समय पर इलाज मिला गया और उसकी जान बच गई। शिवम के गले पर 7 सेंटीमीटर लम्बा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हो गया था। उसे 12 टांके लगाने पड़े।

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