सार
सुबह से ही श्रीकृष्ण मंदिरों में भगवान कृष्ण के भक्तों की भीड़ लगी हुई है। मान्यता है कि आज ही के दिए भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में काफी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
नई दिल्ली. देशभर में आज कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी हिंदू धर्म का विशेष त्योहार माना जाता है। मान्यता है कि आज ही के दिए भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में काफी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सुबह से ही श्रीकृष्ण मंदिरों में भगवान कृष्ण के भक्तों की भीड़ लगी हुई है। लोग पूजा-पाठ करने के लिए अलग-अलग मंदिरों में पहुंच रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन व्रत करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं। ऐसे में आपको भगवान कृष्ण के कुछ मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इन मदिरों में पूजा करने से सभी की मुरादें पूरी होती हैं। आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में और क्यों है इनका महत्व।
श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा
भगवान कृष्ण का यह मंदिर राजस्थान के नाथद्वारा में है। यहां कि मूर्ति विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे मेवाड़ के राजा ने बनवाया था। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर जो मूर्ति है इस राजा ने औरंगजेब के हमले से बचाकर यहां लाए थे। पहले ये मूर्तियां गोवर्धन पर्तव की पहाड़ियों में स्थिति थी। ऐसा मान्यता है कि यहां पूजा करने से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं।
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यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा बड़े ही धूमधाम और भव्य तरीके से होती है। इस मंदिर के प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण है कि यहां भगवान कृष्ण से शिक्षा ग्रहण की थी। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने यहीं अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
विठोबा मंदिर, पंढरपुर
यह मंदिर महाराष्ट्र के सोलापुर में है। यहां भगवान कृष्ण की पूजा विठोबा के रूप होती है। यहां पर उनके साथ लक्ष्मी अवतार माता रुक्मणिजी की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। लेकिन देवशयनी एकादशी में भी यहां विशेष पूजा होती है।
श्रीकृष्ण निर्वाण स्थल
यह जगह गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पास है। यह मंदिर जहां बना है उसे प्रभास नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान कृष्ण ने अपनी देह को छोड़ा था इसके बाद से इस स्थान का विशेष महत्व है।
द्वारकाधीश मंदिर
मथुरा और वृंदावन के बाद भगवान कृ्ष्ण का सबसे फेमस स्थान द्वारका है। यह गुजरात में है। द्वारकाधीश मंदिर चार धामों मे से एक माना जाता है। इस मंदिर का ध्वज दिन में पांच बार बदला जाता है। यहां पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है।
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