सार

यह हैं सूरत की रहने वालीं 50 साल की भागीरथी बेन। इनके इकलौते बेटे ने किन्हीं कारण से 2 साल पहले सुसाइड कर लिया था। वो कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद ये डिप्रेशन में आ गई थीं। लेकिन लोगों ने हिम्मत बढ़ाई तो ये फिर से मां बनने को तैयार हुईं। आखिरकार इन्होंने IVF(इन विट्रो फर्टिलाइेजशन) के जरिये बेटे को जन्म दिया। फिर से मां बनने के बाद ये बहुत खुश हैं।

सूरत, गुजरात. यह हैं सूरत के अडाजल में रहने वालीं 50 साल की भागीरथी बेन। इनके इकलौते बेटे ने किन्हीं कारण से 2 साल पहले सुसाइड कर लिया था। वो कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद ये डिप्रेशन में आ गई थीं। लेकिन लोगों ने हिम्मत बढ़ाई तो ये फिर से मां बनने को तैयार हुईं। आखिरकार इन्होंने IVF(इन विट्रो फर्टिलाइेजशन) के जरिये बेटे को जन्म दिया। फिर से मां बनने के बाद ये बहुत खुश हैं।

इकलौते बेटे की मौत से टूट गई थीं...
भागीरथी बेन का इकलौता बेटा 21 वर्षीय अभिजित सिंह आईआईटी यूनिवर्सिटी(रूड़की) में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। इसी बीच किन्हीं कारणों से उसने सुसाइड कर ली। यह घटना 2 साल पहले की है। इस हादसे ने भागीरथी को गहरा सदमा दिया। वे मानों जिंदा लाश-सी बन गई थीं। लेकिन परिजनों ने उनका हौसला बढ़ाया और अब वे IVF(इन विट्रो फर्टिलाइेजशन) के जरिये फिर मां बन गई हैं। उन्होंने एक बेटे का जन्म दिया है। इस तकनीक में अंडाणु को बाहर निषेचित किया जाता है। मां बनने के बाद भागीरथी के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। वे कहती हैं कि डॉ. पूजा नाडकर्णी  ने उनकी जिंदगी लौटा दी।

भागीरथी की पीड़ा सुनकर डॉक्टर भी हो गई थीं भावुक...
डॉ. पूजा नाडकर्णी जब पहली बार भागीरथी से मिलीं, तो उनकी कहानी सुनकर वे भी भावुक हो उठी थीं। डॉ. पूजा कहती हैं कि भागीरथी मां बनकर खुश हैं, यह देखकर उन्हें भी बड़ी खुशी मिल रही।