सार
गुजरात के भावनगर में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक कांस्टेबल ने अपने ही तीन मासूम बच्चों को एक-एक करके मौत के घाट उतार दिया।
भागनगर (गुजरात). अक्सर हमने यही सुना है कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए होती हैं। लेकिन गुजरात के भावनगर में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसकी वजह से पुलिस की वर्दी बदनाम हो रही है।
जहां एक कांस्टेबल ने अपने ही तीन मासूम बच्चों को एक-एक करके मौत के घाट उतार दिया।
दरअसल इस रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात को अंजाम देने वाला पुलिसकर्मी कांस्टेबल सुखदेव नाजाभाई शियाल भावनगर SP ऑफिस में तैनत है। कांस्टेबल सुखदेव अपने दांपत्य जीवन से खुश नहीं था इसलिए उसकी शादी के बाद से ही आए दिन पत्नी से विवाद होता रहता था। बताया जाता है इसी के चलते पत्नी मायके चली गई थी। उसे हमेशा यही शक रहता था ये तीनों बच्चे उसके नहीं है। बस इसी बात को लेकर वो हमेशा झगड़ता रहता था।
एक-एक करके तीनों को उतार दिया मौत के घाट
घरवालों के समझाने के कुछ दिन पहले ही महिला लौटकर आई थी। जब सोमवार को बारिश हो रही थी तो वह पत्नी और बच्चों के साथ भीगने का आनंद लेने लगा। कुछ देर बाद वो कमरे में गया जहां पहले से तीनों बच्चे बैठे हुए थे। अचानक पत्नी को उसने दूसरे कमरें बंद कर दिया। फिर आरोपी ने सबसे पहले अपने सात साल के बड़े बेटे का गाला काटा, उसके बाद 5 साल के बच्चे को भी इसी तरह मार डाला। इसके बाद आरोपी ने 3 साल के छोटे बेटे का गला काट दिया। उसके बाद पत्नी को बुलाकर तीनों मासूम की लाशें दिखाई और बोला मैंने इनको मार डाला। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना देकर कहा कि मैंने अपने तीन बच्चों की हत्या कर दी है।
8 साल पहले हुई थी शादी, दो दिन पहले मनाया था बेटे का जन्मदिन
पुलिस कांस्टेबल सुखदेव और पत्नी जिघना की शादी 8 साल पहले हुई थी। महिला ने बताया कि वो अक्सर मुझ पर शक करता था। उसे मुझ पर यकीन ही नहीं था। वो कहता था कि मैंने उसके ऊपर कोई जादू-टोना कर दिया है। लेकिन मैं यह नहीं जानती कि मैरे बच्चों ने उसका आखिर क्या बिगाड़ा था जिसकी वजह से उनकी जिंदगी ही खत्म कर दी। मैं अब उनके बिना कैसे जिंदा रहुंगी। दो दिन पहले यानि 30 अगस्त को ही तो मैंने बड़े बेटे का जन्मदिन मनाया था।