सार


चौंकाने वाला यह मामला उत्तराखंड के ऋषिकेश का है। मासूम बच्ची को एक मां जिस तरह से टॉर्चर कर रही थी, उसे सुनकर पुलिसवाले भी शॉक्ड रह गए।

ऋषिकेश, उत्तराखंड. बच्चों की संवेदनाओं से जुड़ीं ये दो कहानियां आपको झकझोर देंगी। एक कहानी में मां की प्रताड़ना से बच्चियों को भूखा रहना पड़ा, जबकि दूसरे में सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण बच्ची को सिर्फ उबला पत्ता गोभी और चावल खाकर जीना पड़ रहा था। पहला मामला उत्तराखंड के ऋषिकेश का है, जबकि दूसरा मामला झारखंड राज्य का।

मां नहीं देती थी खाना...
यह मामला उत्तराखंड के ऋषिकेश का है। यहां मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में रहने वाली 10 साल की बच्ची अचानक थाने पहुंची। उसने रोते हुए पुलिसवालों को बताया कि उसकी मां उसे मारती है। उसकी एक 6 साल की बहन भी है। मां सिर्फ अपने लिए खाना बनाती हैं। दोनों बहनों को कई दिनों तक भूखा रखा जाता है। यह सुनकर वहां मौजूद पुलिसवाले भी हैरान रह गए। बच्ची ने बताया कि उसके पिता साथ नहीं रहते। मां के परेशान करने से वो घर छोड़कर चले गए हैं। जब पुलिस ने पड़ताल की, तो मालूम चला कि पति-पत्नी के बीच कोर्ट में मामला चल रहा है। बच्ची ने अपनी मां के साथ नहीं रहने की बात कही। पुलिस ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीनियर सब इंस्पेक्टर संजीत कुमार ने बताया इस मामले को गंभीरता से सुलझाया जा रहा है।

दाल-सब्जी का स्वाद नहीं जानती थी यह बच्ची
यह मामला झारखंड के दुमका का है। यहां 70 साल की नानी अपनी नातिन के लिए पत्ता गोभी उबाल देती थी। फिर 4 साल की यह मासूम उसमें चावल मिलाकर चुपचाप खा लेती थी। उसने कभी किसी चीज की जिद नहीं की। कह सकते हैं कि उसे दूसरी चीजों के स्वाद के बारे में कुछ पता ही नहीं था। ऐसे में भला बच्ची क्या जिद करती? हालांकि जब इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नाराज हुए। उन्होंने ट्वीट करके शर्मिंदगी जताई। मुख्यमंत्री की फटकार के बाद दुमका का जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। कुछ अफसर बच्ची के घर पहुंचे। उसके परिजनों को राशन कार्ड उपलब्ध कराया। अफसर बच्ची के लिए बिस्किट और चॉकलेट लेकर पहुंचे थे। इन चीजों को देखकर बच्ची के चेहरे पर अजीब सी चमक दिखाई दी। मानों उसे दुनिया की सबसे बड़ी चीज मिल गई हो।

घर में कोई कमाने वाला नहीं..
दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के भोड़ावाद पंचायत के समलापुर गांव में रहता है इस 4 साल की बच्ची का परिवार। हालांकि परिवार में इसके अलावा दो और लोग हैं। 70 साल की नानी चुड़की मुर्मू और मां रुक्मणी सोरेन। मां का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। नानी बगैर लाठी के सहारे नहीं चल पाती। नाना तो बहुत पहले ही इस दुनिया से चल बसे। नानी कभी-कभार ब्लॉक जाकर अफसरों के आगे हाथ फैलाती है, जिससे कुछ खाने के लिए नसीब हो जाता है।  बाकी पड़ोसी मदद कर देते हैं। ऐसे में बच्ची को दाल-सब्जी खाने को कहां से मिलती।

बुजुर्ग खुश है कि भगवान ने उनकी सुनी..
चुड़की बताती हैं कि 31 अक्टूबर, 2018 को उन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया था। लेकिन जब उनकी सुनवाई नहीं हुई, तब उन्होंने किसी की मदद से मुख्यमंत्री जनसंवाद में 14 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई। फिर भी कुछ नहीं हुआ। राशन कार्ड न होने से वे अपनी बेटी का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं करा पा रही थीं। उन्हें खुशी हैं कि अब उनका राशन कार्ड बन गया है। वे अब बेटी का इलाज करा पाएंगी।

इस तस्वीर ने मुख्यमंत्री को हिलाकर रख दिया था
पत्ता गोभी को पानी में उबालने के बाद उसके टुकड़े-टुकड़े करके चावल के साथ खाती इस बच्ची की तस्वीर ने सरकार को हिलाकर रख दिया था। यह तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई..मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रशासन पर खासी नाराजगी जताते हुए बच्ची के परिजनों को हरसंभव मदद दिलाने के आदेश दिए थे।  इस बच्ची की तस्वीर देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा-यह हमारे और दुमका जिला प्रशासन के लिए शर्म की बात है। इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टर से नाराजगी जताते हुए तत्काल बच्ची को राहत पहुंचाने का निर्देश दिया था। 

(नोट: पहला फोटो काल्पनिक इस्तेमाल किया गया है)