सार
कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। शनिवार को पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की जाएगी। बीजेपी से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू को भी टिकट मिल सकता है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) के लिए सभी 70 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। शनिवार को पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की जाएगी। बीजेपी से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) की बहू को भी टिकट मिल सकता है।
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने शुक्रवार देर शाम तक हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद कहा कि सभी सीटों पर उम्मीदवारों के संबंध में उपयोगी चर्चा हुई है। उम्मीदवारों की सूची शनिवार को जारी की जाएगी। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा से निष्कासित मंत्री हरक सिंह रावत के पार्टी में शामिल होने पर कहा कि वे निस्वार्थ भाव से कांग्रेस की सेवा करना चाहते थे, जिससे हर कोई उन्हें एक मौका देने के लिए तैयार हो गया। वह पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
लैंसडाउन सीट से कांग्रेस द्वारा हरक सिंह रावत की बहू को मैदान में उतारने की बात पर गोदियाल ने कहा कि ऐसा प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के सामने आया, लेकिन अंतिम फैसला आलाकमान को करना है। बता दें कि हरक सिंह रावत शुक्रवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा से निष्कासित किया गया था। शुक्रवार को हरक सिंह रावत के साथ उनकी पुत्रवधु अनुकृति गुसाई रावत ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली।
गढ़वाल में मजबूत होगी कांग्रेस की स्थिति
बीजेपी से निकाले जाने से पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि हरक सिंह कांग्रेस में शामिल होंगे, लेकिन हरीश रावत के विरोध के चलते उनकी कांग्रेस में वापसी टल रही थी। 2016 में जिस तरह हरीश रावत की सरकार गिरी थी उसके सबसे बड़े सूत्रधार हरक सिंह रावत थे। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। कहा जा रहा है कि हरक सिंह के पार्टी में शामिल होने से गढ़वाल के कई सीटों पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी।
हरक सिंह उत्तराखंड के बड़े नेता माने जाते हैं। 2002 में उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से वह लगातार चार बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने 2002 में लैंसडाउन से चुनाव जीता था। वह 2007 में भी इसी सीट से विधानसभा पहुंचे थे। 2012 में रुद्रप्रयाग से चुनाव जीते थे। 2017 में बीजेपी के टिकट से कोटद्वारा से चुनाव जीते थे।
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