सार
हरक सिंह ने बीजेपी से विधानसभा की तीन टिकट की मांग की थी। उन्होंने एक टिकट अपने लिए और दो अपने रिश्तेदारों के लिए मांगे थे। पार्टी हरक सिंह को टिकट देने को तैयार थी, लेकिन उनके रिश्तेदारों को नहीं।
देहरादून : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttrakhand Election 2022) से पहले बगावती रुख अपना रहे हरक सिंह रावत (harak singh rawat) को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे इस वक्त दिल्ली में ही डटे हुए हैं। आज यानी सोमवार को कांग्रेस (Congress) में शामिल हो सकते हैं। रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं रविवार को ही दिल्ली (Delhi) के लिए निकल गए थे और दोनों आज कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।
क्यों हुई कार्रवाई
हरक सिंह को निकाले जाने की वजह चुनाव में सीटों की मांग बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि हरक सिंह ने विधानसभा की तीन टिकट की मांग की थी। उन्होंने एक टिकट अपने लिए और दो अपने रिश्तेदारों के लिए मांगे थे। पार्टी हरक सिंह को टिकट देने को तैयार थी, लेकिन उनके रिश्तेदारों को नहीं। दिल्ली में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए टिकट तय करने के लिए पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक चल रही थी। हरक सिंह रावत इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
मेरे पास कई ऑप्शन - रावत
बीजेपी से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मैं जनता की लड़ाई लड़ता हूं। एक दरवाजा बंद हुआ है तो कई दरवाजे खुले हैं। कांग्रेस में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने अभी इस संबंध में तय नहीं किया है। रातभर विचार करूंगा। इसके बाद उत्तराखंड की जनता के हित में जो होगा, वह करूंगा। बता दें कि दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह में हरक सिंह रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के मामले को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हरक सिंह ने मीडिया से कहा था कि मुझे पार्टी के अंदर भिखारी जैसा बना दिया गया था। मैं अपने क्षेत्र के लिए 5 साल से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहा था। ऐसे में अब इनके साथ काम नहीं कर सकता। इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने काफी कोशिश के बाद उन्हें मना लिया था।
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