सार

पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। पंजाब में भी चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) का बिगुल बज गया है। राज्य की 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। पंजाब में एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
 

नई दिल्ली :  पंजाब में  विधासभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगें। चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। चुनावी बिगुल बजने के साथ ही सियासी दल लोगों को साधने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर देंगे। आइए जानते हैं क्या पंजाब चुनाव के प्रमुख चेहरे कौन है और क्या हैं चुनावी मुद्दे 

प्रमुख चुनावी मुद्दे
1. ड्रग्स- पंजाब में 2017 की भांति इस बार फिर ड्रग्स का मुद्दा छाया रहा है, इस मुद्दे पर विपक्षीय पार्टियां लगातार पंजाब को घेरती रहती हैं. 
2. शिक्षा-बेरोज़गारी- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का 'घर-घर नौकरी' का वादा कई बार पंजाब की राजनीति में भूचाल ला चुका है. हालांकि, अब कैप्टन ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है. इसके साथ ही विपक्ष पंजाब की कांग्रेस सरकार को लगातार घेरती रहती है. 
3. बेअदमी मामले में न्याय न मिलना - बेअदबी मामले में अभी भी न्याय का इंतज़ार है. नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा और नतीजा सबके सामने है.
4. बिजली- इस बार के चुनाव में बिजली एक प्रमुख मुद्दा है, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने यहां तक ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो लोगों को 300 यूनिट फ्री में बिजली मिलेगी.  

प्रमुख चेहरे
1. भगवंत मान
आप सांसद भगवंत मान इस समय पार्टी का मुख्य चेहरा है, उम्मीद जताई रही है कि आप उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर मैदान में उतार सकती है. 

2. सुखबीर सिंह बादल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल भले ही वर्तमान में सांसद हैं, लेकिन वह इस चुनाव प्रचार में अहम रोल निभा सकते हैं.  सुखबीर सिंह अकाली दल का प्रमुख चेहरे हैं

3. चरणजीत सिंह चन्नी
पंजाब में कांग्रेस ने नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को चुनकर दलित वोट का अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया है. ऐसे में इस चुनाव में भी चन्नी अहम भूमिका निभा सकते हैं. 

4. नवजोत सिंह सिद्धू 
पंजाब कांग्रेस प्रमुख का बागडोर संभालने के साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू का क़द बढ़ गया है. यदि कांग्रेस सरकार वापस आती है तो सिद्धू को एक बड़ी भूमिका में देखने की उम्मीद की जा सकती है.
5. अमरिंदर सिंह
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे अमरिंद सिंह ने पिछले साढ़े 4 साल से पंजाब की सत्ता संभाल रहे थे और कुछ दिन पहले ही बड़े फेरबदल के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्हें एक पार्टी बनाई, जिसके बाद उन्होंनें भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है, फिलहाल अगर पंजाब में यदि भाजपा और अमरिंदर की गठबंधन में सरकार बनती है, तो अमरिंदर सिंह को एक बड़ी भूमिका में देखने की उम्मीद की जा रही है. 
5. हरसिमरत कौर बादल
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हरसिमरत कौर बादल अकाली दल की प्रमुख चेहरा है. वह चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. 

प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र

  1. पटियाला (शहरी)- यह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है.
  2. जलालाबाद - यह अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल का निर्वाचन क्षेत्र है.
  3. अमृतसर (पूर्व) - यह पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का निर्वाचन क्षेत्र है. 

2017 विधानसभा चुनाव में पार्टियों की स्थिति
2017 के विधानसभा चुनाव के समय भी वोटरों की संख्या का अंदाजा उनके धर्म और जाति के आधार पर लगाना बेअसर साबित हुआ था।  2017 के चुनावों की बात करें तो कांग्रेस ने 170 सीटों में से 77 सीटों पर 38. 8 फीसदी वोटों  के साथ कब्जा किया था और सरकार बनाई थी।   जबकि आम आदमी पार्टी 23. 9 फीसदी वोटों के साथ 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बन गई। भारी भरकम सिख वोटरों की संख्या के बावजूद शिअद 23. 9 फीसदी वोटों के साथ 15 सीट और हिंदुओं की पार्टी कही जाने वाली भाजपा 25. 4 फीसदी वोटों के साथ केवल 3 सीट ही जीत सकीं। दो अन्य सीटें आम आदमी पार्टी की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी की झोली में गई थीं।

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