सार
मूसेवाला की हत्या के चंद घंटे बाद ही गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पोस्ट डालकर इसकी जिम्मेदारी ली। उसने अपनी पोस्ट में लिखा कि मेरे साथी की हत्या के मामले में मूसेवाला का नाम आया था, लेकिन अपनी पहुंच के चलते वह बच गया। सरकार ने उसे सजा नहीं दी, इसलिए उसकी हत्या कर दी है।
चंडीगढ़ : मशहूर पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की हत्या के बाद से ही फैंस में आक्रोश है। पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है। रविवार शाम उनके गांव जवाहरके में हमलावरों ने मूसेवाला पर AK-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसा उनकी हत्या कर दी। सेवाला की हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ उर्फ सतिंदर सिंह ने ली है। जो कि इस समय कनाडा (Canada) में है और वहीं बैठकर अपना गैंग चलाता है। गोल्डी, कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के गैंग से जुड़ा हुआ है और उसके साथ काम करता है। जबकि लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल में बंद है। कहा जा रहा है कि यहीं से उसने हत्या की पूरी साजिश रची। आइए जानते हैं लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की पूरी पूरी कुंडली...
कौन है लॉरेंस बिश्नोई
लॉरेंस पंजाब के फाजिल्का के अबोहर का रहने वाला है। उसके पिता लविंद्र कुमार राज्य पुलिस में कॉन्स्टेबल रह चुके हैं। लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम का एक संगठन चलाता है। पढ़ाई के दौरान ही उसने यह संगठन बनाया। इसी के बैनर तले स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। इसी चुनाव में उदय सह और डग के ग्रुप से लॉरेंस को हार मिली। इस हार के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में फरवरी 2011 में लॉरेंस और उदय सह ग्रुप में पहली बार गुटबाजी हुई। लॉरेंस ने विरोधी गुट पर फायरिंग कर दी। पुलिस केस के दौरान लॉरेंस का भी नाम आया। यह उस पर पहला केस था। तब से अब तक लॉरेंस पर करीब 50 केस दर्ज हैं। 30 में वो बरी भी हो चुका है।
लूट, हत्या, रंगदारी के केस में लॉरेंस का नाम
इस फायरिंग के बाद उसे जेल भेज दिया गया। थोड़े ही दिन में वह जमानत पर बाहर आ गया। इसके बाद पुलिस ने उसे प्वाइंट 5 बोर की पिस्टल और कारतूस के साथ अरेस्ट किया। 12 अगस्त 2012 को लॉरेंस के खिलााफ सेक्टर 34 थाने में हत्या की कोशिश, दंगा समेत कई और धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद वह हत्या, लूट, रंगदारी जैसे क्राइम कर बार-बार जेल जाता रहा और जमानत पर बाहर आकर फिर अपराध करता रहा। 17 जनवरी 2015 की बात है जब खरड़ पुलिस उसे पेशी के लिए कोर्ट ले जा रही थी, इसी दौरान वह पुलिस को चकमा दे वहां से भाग निकला। चार मार्च 2015 को फाजिल्का पुलिस ने उसे फिर से पकड़ा।
जेल से चलाता है नेटवर्क
जेल में रहकर भी लॉरेन्स के अपराध की जड़ें कभी कमजोर नहीं हुईं। वह जेल से ही अपना नेटवर्क चलाता रहा। जेल में रहकर ही उसने 27 अगस्त 2017 को सीकर के पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या करवाई थी। उसने इस हत्या के लिए अपने मोहाली के शूटर रविंदर काली को भेजा था। इसके बाद जोधपुर में अपना दबदबा बनाने के लिए उसने 17 सितंबर को अपने शूटर हरेंद्र जाट और रविंदर काली से कारोबारी वासुदेव इसरानी की सरेआम हत्या करवा दी थी। उसके बाद राजस्थान में भी उसका खौफ बन गया था।
एक्टर सलमान खान को मारना चाहता था
लॉरेंस यहीं नहीं रूका बल्कि काले हिरण की हत्या मामले में उसने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) को भी जान से मारने की धमकी दी थी। चूंकि राजस्थान का विश्नोई समाज काले हिरण की पूजा करता है। सलमान के खिलाफ केस भी विश्नोई समाज ही लड़ रहा है और लॉरेंस खुद इसी समाज से आता है, इसलिए उसने सलमान खान की हत्या का प्लान भी बनाया था। फिल्म 'रेडी' की शूटिंग के दौरानलॉरेंस ने अपने गुर्गों के जरिए पूरी साजिश रची, हालांकि उसकी प्लानिंग फेल हो गई।
कौन है गोल्डी बराड़
गोल्डी बराड़ का नाम सतिंदर सिंह है। वह लॉरेंस बिश्नोई का खास गुर्गा माना जाता है। पिछले साल ही फरीदकोट की अदालत ने कांग्रेस नेता गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या के मामले में ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी किया था। गुरुग्राम के एक डबल मर्डर केस में भी उसका नाम आया। इसी साल मार्च में दिल्ली पुलिस ने काला जठेड़ी, लॉरेंस बिश्नोई और नरेश सेठी गैंग के दो शार्प शूटर्स को पकड़ा। परमजीत और सुरजीत गैंगस्टर कौशल के करीबी थे। उनकी अजय जेलदार से रंजिश थी। जेलदार ने काला जठेड़ी-लॉरेंस बिश्नोई-नरेश सेठी और गोल्डी बराड़ की मदद से दोनों भाइयों की हत्या करवा दी थी। इसी साल दो मई को पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स ने बठिंडा से लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के तीन साथियों को अरेस्ट किया। ये तीनों रंगदारी मामले में किसी कारोबारी की हत्या की साजिश रच रहे थे।
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