सार
पंजाब कांग्रेस की कप्तानी मिलने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू फ्रंटफुट से ही बैटिंग कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिलने के बाद भी सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
अमृतसर. पंजाब कांग्रेस की कप्तानी मिलने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू फ्रंटफुट से ही बैटिंग कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिल जाने के बाद भी सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन दोनों को लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गरम रता है है। अब सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उन्हें फैसले करने की आजादी नहीं दी गई तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे।
'जो मुझे रोकेगा उसको मुंह तोड़ जवाब मिलेगा'
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू गरुवार को अमृतसर में नगर की व्यापारिक और औद्योगिक एसोसिएशन के कार्यक्रम के दौरान पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने कैप्टन का नाम लिए बिना कई हमले बोले। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मिलकर आया हूं। जहां मैंने उनसे कहा कि उन्हें फैसले करने की आजादी देनी चाहिए। उन्होंने पंजाब को लेकर ऐसी रुप रेखा तैयार की है कि 20 साल तक कांग्रेस की सरकार पंजाब में बनी रहेगी। अगर उन्हें निर्णय लेने की छूट नहीं दी गई तो 'मुंह तोड़ जवाब मिलेगा और ईंट से ईंट खड़का देंगे। दर्शनी घोड़ा बनने का कोई फायदा नहीं।'
सिद्धू मारते हैं चौंका और लग जाता है छक्का
वहीं मीडिया ने जब पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से सिद्धू के इस बयान पर सवाल किया तो रावत ने कहा कि सिद्धू पंजाब प्रमुख हैं। वह कांग्रेस के मापदंडों और संविधान के दायरे में रहकर फैसले करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वह फैसले नहीं लेंगे तो आखिर कौन फैसला लेंगे। यह बात अगल है कि उनका बोलने का तरीका कुछ अलग है। वह मारते चौंका हैं लग छक्का जाता है। हलांकि नंबर हमारी टीम में ही आता है।
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एक दिन पहले हरीश रावत ने सिद्धू को दी थी हिदायत
बता दें कि एक दिन पहले ही हरीश रावत ने कहा था कि सिद्धू को पंजाब की कुर्सी सौंपी गई है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह अपनी मनमानी करें। साथ ही उन्होंने सिद्धू के सलाहकारों को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए भी मना किया था। साथ ही दो टूक कहा था कि वह ऐसे सलाहकारों को हटाएं जो कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर विवादित टिप्पणी करते हैं। नहीं तो हम उन पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि एक दिन बाद ही सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफा दे दिया है।
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