सार

पंजाब के अमृतसर में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान वीडियोग्राफी करने का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस मामले में सिविल सर्जन सहित 5 को महिला आयोग ने नोटिस भेजा है। इसे महिला की निजता का हनन माना गया है। सभी को 24 नवंबर को आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी के समक्ष पेश होना है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी एक्शन लिया है।

अमृतसर, पंजाब. गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान वीडियोग्राफी करने का शर्मनाक मामला सामने आया है। इसे गर्भवती महिला की निजता का हनन मानते हुए महिला आयोग ने सिविल सर्जन सहित पांच गायनी डॉक्टर को नोटिस भेजा है। यह मामला सुर्खियों में आया था। वहीं, इस मामले में किरकिरी होते देख स्वास्थ्य विभाग ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। इन सभी को 24 नवंबर को आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी के समक्ष पेश होना है।

यह है पूरा मामला...
बता दें कि इस मामले में सिविल सर्जन नवदीप सिंह की भूमिका सामने आई है। सिविल सर्जन नवदीप सिंह ने मंगलवार को चार महिलाओं की डिलीवरी की थी। उनके साथ गायनी डॉ. सितारा, डॉ. रोमा, डॉ. गुरपिंदर, डॉ. मीनाक्षी भी थीं। इन लोगों ने डिलीवरी का वीडियो बनाया और फिर उसे मीडिया को न्यूज के साथ जारी कर दिया। करीब एक मिनट का यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, लोगों ने आपत्ति जता दी। इसके बाद महिला आयोग सक्रिय हुआ। वीडियो में गर्भवती का चेहरा भी साफ नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डॉ. प्रभदीप कौर जौहल ने मामले पर खासी नाराजगी जताई। इसके बाद जांच के आदेश दिए। बात दें कि गर्भवती महिला की डिलीवरी की वीडियोग्राफी नहीं की जा सकती।