सार

संगरूर लोकसभा सीट (Sangrur Loksabha seat) से आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) के भगवंत मान (Bhagwant Maan)  दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्हें इस बार आप ने अपना सीएम चेहरा भी बनाया है।

मनोज ठाकुर 
चंडीगढ़।
भाजपा (BJP) ने अरविंद खन्ना (Arvind Khanna) को संगरूर विधानसभा सीट (Sangrur Assembly Constituency) से क्यों उतारा? जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई तो इस पर सियासी गुणा भाग तेज हो गया। पंजाब (Punjab) की राजनीति के जानकार व समीक्षक वीरेंद्र सिंह भारत का मानना है कि अरविंद खन्ना को संगरूर भेजना सिर्फ विधायक का चुनाव लड़ना भाजपा की रणनीति तो है, पार्टी इस सीट पर बहुत आगे की सोच रही है। उनकी नजर लोकसभा चुनाव पर है। यहीं कारण है कि खन्ना को धुरी से यहां विशेष तौर पर भेजा गया है। 

बदलाव के पीछे भाजपा की रणनीति क्या? 

संगरूर लोकसभा सीट (Sangrur Loksabha seat) से आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) के भगवंत मान (Bhagwant Maan)  दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। उन्हें इस बार आप ने अपना सीएम चेहरा भी बनाया है। वह धुरी से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि आप को मान के घर में ही घेरा जाए इसलिए खन्ना को संगरूर भेजा गया है। यहां से आम आदमी पार्टी ने युवा चेहरा नरेंद्र कोर को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने मौजूदा कैबिनेट मंत्री विजेंदर सिंगला को अपना उम्मीदवार बनाया, अकाली दल ने विनर अजीत सिंह गोल्डी को उम्मीदवार बनाया।  

भगवंत को उसके घर में घेरना चाह रही भाजपा 

खन्ना को संगरूर भेज कर भाजपा मान को उसके घर में घेरना चाह रही है। क्योंकि यहां मान की जबरदस्त पकड़ है। यदि मान के गृह विधानसभा क्षेत्र में भाजपा जीत जाती है तो इससे वह कमजोर होंगे। इस तरह से भाजपा यहां लड़ तो विधानसभा सीट पर रही है, पर नजर लोकसभा सीट है। पंजाबी ट्रिब्यून के पूर्व पत्रकार बलविंद्र सिंह जम्मू ने बताया कि भाजपा पंजाब में खुद को स्थापित करने की कोशिश में है। इसलिए आम आदमी पार्टी के सबसे मजबूत नेता की खन्ना के माध्यम से घेराबंदी की है। अपना किला बचाने के लिए मान को अब धुरी के साथ साथ संगरूर पर भी ध्यान देना होगा। इस तरह से वह पंजाब में बाकी जगह चुनाव प्रचार करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं निकाल पाएंगे। 
भगवंत मान की रैलियों में अच्छी भीड़ होती है। लोग उन्हें सुनने के लिए आते हैं। 

खन्ना की है मजबूत पकड़ इस क्षेत्र में

अरविंद खन्ना कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे हैं। इस बार उन्होंने भाजपा ज्वाइन की है। भाजपा उन्हें लुधियाना सेंट्रल से चुनाव लड़ाना चाह रही थी। लेकिन जैसे ही भगवंत मान को आप ने सीएम का चेहरा घोषित किय तो भाजपा को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा। इसलिए अरविंद खन्ना को संगरूर भेजा गया है। भाजपा ने खन्ना पर बड़ा दांव लगाया है। खन्ना संगरूर में 2002 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। तब उन्होंने 20 हजार वोट से जीत हासिल की थी। 2012 में वह धुरी से विधायक बने थे। धुरी विधानसभा क्षेत्र संगरूर जिले में आता है। इसलिए भी खन्ना यहां भाजपा के लिए मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।

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