सार
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सरकार की इस कमेटी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार द्वारा गठित कमेटी को खारिज करते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई यह कमेटी कभी कुछ पता नहीं लगा पाएगी क्योंकि वह खुद इस साजिश के सरगना हैं
चंडीगढ़ : पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक की जांच को लेकर पंजाब सरकार ने एक उच्च-स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी में रिटायर्ड जस्टिस मेहताब सिंह गिल, और गृह मामलों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और जस्टिस अनुराग वर्मा होंगे। यह कमेटी 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है।
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सरकार की इस कमेटी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार द्वारा गठित कमेटी को खारिज करते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई यह कमेटी कभी कुछ पता नहीं लगा पाएगी क्योंकि वह खुद इस साजिश के सरगना हैं।
सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया मामला
उधर, पीएम की सुरक्षा में सेंध के मामले को वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में CJI एनवी रमना (NV Ramana) के सामने उठाया और जांच की मांग की। कोर्ट ने मनिंदर सिंह से आज केंद्र और पंजाब सरकार को याचिका की एक प्रति देने को कहा है।
गृह मंत्रालय ने भी मांगी है रिपोर्ट
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। वहीं, भाजपा नेताओं ने इस मामले को अभूतपूर्व बताया और एक साजिश करार देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे। हालांकि, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सभी के सामने आए और उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच के लिए तैयार है।
20 मिनट तक रूका रहा काफिला
बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। इस दौरान उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित एरिया में रुका रहा। जिस इलाके में मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। वहां से पाकिस्तान की दूरी भी कम है। पिछले साल सितंबर में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अलावा पीएम सिक्योरिटी के तमाम अधिकारियों के चेहरे पर शिकन आ गई थी।
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