सार

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सीएम फेस भगवंत मान (Bhagwant mann) धुरी विधानसभा सीट से जीत चुके हैं। खास बात ये है कि मान को यहां से 45 हजार से अधिक वोट मिले हैं।

पंजाब से मनोज ठाकुर

धुरी. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Chunav 2022 Result) की धुरी सीट (Punjab Assembly Dhuri seat) अब भगवंत मान (bhagwant mann) की हो चुकी है। मान ने 45 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। सियासत की समझ रखने वालों का मानना है, कि यदि 2017 के विधानसभा चुनाव में भगवंत मान को सीएम फेस घोषित कर दिया जाता तो आज राजनीति कुछ अलग होती। यह भगवंत मान की मतदाता पर पकड़ का कमाल है कि 2022 के चुनाव में रुझान के अनुसार आम आदमी पार्टी ने 90 सीटे पर आगे चल रही है। पेशेवर हास्य कलाकार से उन्होंने अपना सफर शुरू किया। 

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जुगून करेक्टर से वह राजनीति पर खूब व्यंग्य करते थे। बाद में उनका रूझान राजनीति में हो गया था। हालांकि वह अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे। 

मान ने आम आदमी पार्टी में आने से पहले 2012 मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी में रहते हुए राजनीति मे कदम रखा था। तब उन्होंने लेहरा विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा। लेकिन मनप्रीत समेत सभी उम्मीदवार हार गए थे। बाद में मनप्रीत तो कांग्रेस में चले गए, मान ने 2014 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्हें लोकसभा का टिकट मिल गया, तब उन्होंने संगरूर संसदीय सीट से अकाली दल के दिग्गज नेता सुखदेव सिंह ढींढसा को दो लाख वोट से हरा दिया था। 2019 में वह दोबारा सांसद चुने गए। 

इस बार आम आदमी पार्टी ने पहले वाली गलती नहीं। समय रहते भगवंत मान को सीएम फेस घोषित कर दिया। उन्हें धुरी से टिकट दिया। इस विधानसभा सीट पर भगवंत मान के सामने कांग्रेस के दलबीर सिंह गोल्डी, भाजपा के रणदीप सिंह शिरोमणि अकाली दल ने प्रकाश चंद्र गर्ग को अपना उम्मीदवार बनाया था। 

मान ने न सिर्फ अपनी सीट पर प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी, बल्कि मालवा की 69 सीटों पर भी भी लगातार सक्रिय रहे। चुनाव प्रचार से लेकर चुनावी रणनीति तक वह हर जगह डटे रहे। पंजाब के मतदाता आम आदमी पार्टी से ज्यादा भगवंत मान को पसंद कर रहे थे। वह मान को बदलाव का प्रतीक मानते हैं, उनका मानना है कि पंजाब की राजनीति में यदि कोई बदलाव लाएगा तो वह है भगवंत मान। 

हालांकि भगवंत मान के साथ कई तरह के विवाद भी जुड़ रहे हैं। पहला विवाद तो उनके साथ यह है कि वह शराब पीते हैं। इसे लेकर उनकी कड़ी आलोचना होती रही। पत्नी से तलाक को लेकर भी उन पर सवाल उठे थे। लेकिन इन विवादों को मतदाता पर कोई असर नहीं पड़ा।
 

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