सार

जसविंदर सिंह मुल्‍तानी लुधियाना विस्फोट मामले में संदिग्ध है। वह आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सदस्य है। कुछ ही दिनों पहले उसे जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वहां उसे कोर्ट में कुछ देर की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

चंडीगढ़ : पंजाब (punjab) के लुधियाना की कोर्ट में बम विस्फोट मामले में मास्टरमाइंड बताए जा रहे जसविंदर सिंह मुल्‍तानी (jaswinder Singh Multani) से पूछताछ के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम जर्मनी (Germany) जाएगी। मुल्तानी लुधियाना विस्फोट मामले में संदिग्ध है। वह आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सदस्य है। NIA ने खुलासा करते हुए दावा किया है कि जसविंदर सिंह मुल्तानी मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए ISI के गुर्गों के संपर्क में भी था। मुल्तानी पूरे भारत में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करना चाहता था। गृह मंत्रालय से प्राप्त आदेशों के बाद गुरुवार की देर रात उस पर मामला दर्ज किया।

मुल्तानी को भारत लाने की कवायद
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि NIA मुल्तानी को भारत लाने के लिए कार्रवाई शुरू करेगी। उसके खिलाफ IPC की धारा 120B और 121A और UPA एक्ट 1967 की धारा 10, 13, 17, 18 और 18बी के तहत केस दर्ज किया है। जर्मनी स्थित सिख फॉर जस्टिस और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ ये मामला दर्ज किया गया है। यह मामला जसविंदर सिंह मुल्तानी के विदेशों में मौजूद कई अन्य खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ पंजाब को अलग करने के उद्देश्य से अपनी विचारधारा को प्रचारित करने से जुड़ा हुआ है। 

चुनाव से पहले पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश
अधिकारी ने बताया कि, ये खालिस्तान समर्थक पंजाब चुनाव से पहले राज्य में शांति अस्थिर करना चाहते थे। मुल्तानी सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा हुआ है और यह आतंकी संगठन अलगावादी एक्टिविटी में काफी सक्रिय माना जाता है। ये संगठन पंजाब में युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे और अपने एजेंडे और आतंकी गतिविधियों का प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे। 

टारगेट पर थे बड़े शहर
जांच एजेसियों के मुताबिक, SFJ आतंकवादियों द्वारा मुंबई या दिल्ली को निशाना बनाए जाने की फिराक में था। माना जा रहा है कि, मुल्तानी मुंबई में विस्‍फोटक भेजने की तैयारी में था और हमले के लिए एक आतंकवादी टीम को तैयार किया गया था। मुल्तानी अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के जरिए और भी विस्फोटक पंजाब में भेजने की तैयारी में था, ताकि वहां दहशत फैलाया जा सके। मुल्तानी की गिरफ्तारी भारत और जर्मनी के बीच उच्चस्तरीय डिप्लोमैटिक बातचीत के बाद हुई है। लुधियाना विस्फोट मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि प्रतिबंधित संगठन और उनके गुर्गे आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए पंजाब में तस्करी नेटवर्क के माध्यम से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदने के लिए धन जुटा रहे हैं। बता दें कि 23 दिसंबर को लुधियाना जिला कोर्ट परिसर में हुए ब्लास्ट में एक शख्स की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे।

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