सार
राजस्थान में पहली बार 10 शहर एक संत की मौत के शोक में बंद रहने वाले हैं। राजस्थान के शेखावाटी इलाके के संत रतिनाथ महाराज की शुक्रवार सुबह मुंबई में मौत हो गई थी।
जयपुर( Rajasthan). आमतौर पर यह देखा जाता है कि कोई कस्बा या शहर तब ही पूरी तरह से बंद होते हैं जब किसी बात या मुद्दे को लेकर लोग विरोध करते हो। या किसी मांग को लेकर वह आन्दोलन कर रहे हों। लेकिन आज राजस्थान में पहली बार 10 शहर एक संत की मौत के शोक में बंद रहने वाले हैं। राजस्थान के शेखावाटी इलाके के संत रतिनाथ महाराज की शुक्रवार सुबह मुंबई में मौत हो गई थी।
राजस्थान में फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, नवलगढ़, रामगढ़, शेखावाटी, सीकर, चूरू, झुंझुनू, नागौर, बीकानेर और मंडावा शहर बंद रहेंगे। सुबह से ही आज बंद का असर इन शहरों में देखने को मिला है। संत रतिनाथ महाराज की समाधि का काम पूरा होने के बाद बाजार खुलेंगे प्रोग्राम इतना ही नहीं कई शहरों में तो शाम को श्रद्धांजलि सभा भी रखी गई है। वही देर रात संत रतिनाथ महाराज की पार्थिव देह चार्टर्ड प्लेन से मुंबई से जयपुर लाया गया। यहां से पार्थिव देह को सीकर के लक्ष्मणगढ़ इलाके के बऊ ले जाया गया है। जहां आश्रम में उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद समाधि दी जाएगी।
झुंझुनू में पैदा हुए थे रतिनाथ महाराज
रतिनाथ महाराज का जन्म झुंझुनू जिले के मंडावा गांव में ब्राह्मणों के परिवार में हुआ था। छोटी सी उम्र में ही वह फतेहपुर के अनाथ आश्रम में आ गए। यहां कुछ दिन बिताने के बाद वह झुंझुनू के टाई नाथ आश्रम में रहकर बऊ धाम के नवानाथजी महाराज के शिष्य बन गए। जैसे ही रतिनाथ महाराज के देवलोक गमन की सूचना मिली तो देशभर से हजारों मारवाड़ी व्यापारी भी अब सीकर पहुंच रहे हैं।
सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे रतिनाथ महाराज
संत रतिनाथ महाराज हमेशा से सामाजिक कार्यक्रमों में भी आगे रहे। फिर चाहे बात गरीब की शादी करवाने की हो या किसी विकलांग को सहारा देने की हर एक कदम पर रतिनाथ महाराज आगे चले। इतना ही नहीं उन्हें शेखावाटी के भजन सम्राट के नाम से भी जाना जाता है। जो 9 घंटे तक बिना रुके भजन गा सकते थे।