सार

सायरा बानो ऐसी वीरांगना थीं जिन्होंने निकाह के बाद अपने पति मोहम्मद खान का कभी दूसरी बार चेहरा नहीं देखा था। क्योंकि शादी वाले दिन ही उनके शौहर के लिए सेना का बुलावा आ गया था। इसलिए वह तत्काल ड्यूटी पर चले गए थे। जिसके बाद द्वावारा कभी लौटकर नहीं आ पाए और दूसरे विश्व युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए। 

झुंझनूं (राजस्थान). अभी तक आपने कई वीरांगनाओं के बारे में सुना और पढ़ा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी वीरांगना के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बाद आप उनको सलाम करेंगे। जिनका हाल ही में पिछले गुरुवार को निधन हो गया। शुक्रवार को सम्मान के साथ उनको सुपुर्दे खाक किया  गया।

देश की सबसे उम्रदराज वीरांगना थीं सायरा बानो
दरअसल, राजस्थान के झुंझनूं में रहने वाली वीरांगना सायरा बानो का गुरुवार की रात निधन हो गया। वह देश की सबसे उम्रदराज वीरांगना थीं। वह 103 साल उम्र में भी पूर्ण रुप से स्वस्थ थीं। उनके गांव धनरी को सैनकों का गांव कहा जाता है। ग्रामीणों ने कहा वह हमको छोड़कर जरुर चलीं गई। लेकिन उनकी यादें हमारे दिल में हमेशा रहेंगी।

कुछ दिन पहले गरीबों के लिए दिए थे 1 लाख रुपए
बता दें कि सायरा बानों हाल ही में राज्य के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उन्होंने मतदान केंद्र जाकर वोट डाला था। वह गरीब लोगों की आए-दिन मदद करती रहती थीं। पिछले दिनों उन्होंने अपने परिजनों को 1 लाख रुपए दिए थे और कहा था, इससे जरुरतमद लोगों की मदद कर देना।

दूसरे विश्व युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए थे पति
जानकारी के मुताबिक, सायरा बानो ऐसी वीरांगना थीं जिन्होंने निकाह के बाद अपने पति मोहम्मद खान का कभी दूसरी बार चेहरा नहीं देखा था। क्योंकि शादी वाले दिन ही उनके शौहर के लिए सेना का बुलावा आ गया था। इसलिए वह तत्काल ड्यूटी पर चले गए थे। जिसके बाद द्वावारा कभी लौटकर नहीं आ पाए और दूसरे विश्व युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए। करीब 6 साल बाद उनको अपने पति की मौत के बारे में पता चला था।