सार
राजस्थान के अजमेर में खेत में बने एक हौद में एक मासूम को बचाने उतरे चार लोगों की जान चली गई थी। उधर बालक भी गंभीर हालत में भर्ती है। इस घटना के बाद सोमवार 29 अगस्त के दिन बवाल मच गया। हजारों की संख्या में लोग मुआवजें की मांग को लेकर सड़कों में उतर आए है।
अजमेर.राजस्थान के अजमेर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। अजमेर में चार आशें मिलने के मामले के बाद बवाल मचा हुआ है। मृत लोगों के परिजन और गांव कस्बे के अन्य लोगों ने अजमेर में सड़के जाम कर दी गई है। अजमेर पुलिस ने भारी पुलिस बंदोबस्त किया है। जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें मृतकों के परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भी राजनीति करना शुरू कर दिया है ।
हौद में फस कर गई थी चार लोगों की जान
दरअसल पूरा मामला अजमेर जिले के नसीराबाद में स्थित एक गांव का है। गांव में बीती रात खेत पर बने एक होद में फसने से 4 लोगों की मौत हो गई। होद में बाल्टी निकालने के लिए उतरे 10 साल का बच्चा सुरेंद्र अचेत हो गया था। सुरेंद्र को बाहर निकालने के लिए उसके दो चाचा शैतान और देवकरण दोनों वहां पहुंचे। जैसे ही दोनों होद में उतरे वे दोनों भी अचेत हो गए। काफी देर तक जब दोनों होद से बाहर नहीं निकल सके तो खेत पर काम कर रहे दो अन्य भाई शिवराज और महेंद्र भी वहां पहुंचे।
मासूम बाहर आया पर बचाने वाले फस गए
दोनों ने मिलकर सुरेंद्र को तो बाहर निकाल दिया लेकिन उसके बाद वे दोनों बाहर नहीं आ सके। वे दोनों भी अचेत हो गए। इसकी सूचना जब गांव में फैली तो होद के पास भारी भीड़ जमा हो गई। जैसे तैसे चारों को बाहर निकाला गया। चारों अचेत हालत में अस्पताल पहुंचाए गए जहां पर चिकित्सकों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद गांव में बवाल मच गया। पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। उधर परिजनों ने शवों को रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
रात में मामला शांत कराया, सुबह फिर विवाद बढ़ा
देर रात पुलिस ने जैसे-तैसे समझाइश कर शवों को मुर्दाघर में रखवाया। लेकिन आज फिर से बवाल खड़ा हो गया। सोमवार 29 अगस्त की दोपहर में गुर्जर समाज के हजारों लोग सड़कों पर लाठी सरिया और डंडे लेकर उतर आए। वह प्रति व्यक्ति 10 लाख मुआवजें की मांग कर रहे हैं । इस बीच भाजपा और कांग्रेस के नेता भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने पहुंच चुके हैं। लगातार बढ़ती भीड़ ने अजमेर से होते हुए कोटा ,जयपुर, भीलवाड़ा जाने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया है ।
परिवार के सदस्यों का कहना है कि जिस बच्चे सुरेंद्र को निकालने के लिए चार लोग होद में उतरे थे उस बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरेंद्र के पिता सत्यनारायण की 3 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अब सुरेंद्र की हालत खराब है। उधर हादसे में सत्यनारायण के दो छोटे भाई इस हादसे में अपनी जान गवा चुके हैं। परिवार में अब तीन बहन मां और दादा-दादी ही बचे हैं। गुर्जर समाज के लोग मृतकों के परिवार के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं । शवों को अभी मुर्दाघर में रखवाया गया है।
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