सार


रिश्वत के कई मामले सुने और देखे होंगे। लेकिन राजस्थान के बांरा शहर से अनोखा मामला सामने आया है। जहां एसीबी टीम ने जब एक जेईएएन अफसर को रिश्वत लेते पकड़ा तो उसने अधिकारी का हाथ पकड़ लिया। फिर पैसे छुड़ाकर गटर में फेंक दिए। लेकिन टीम ने भी पैसों को गटर में से निकालकर सुखाया और मामले में कार्रवाई की।


 

बांरा. राजस्थान में इस साल चार सौ से भी ज्यादा सरकारी कार्मिकों, अफसरों और अन्य ने रिश्वत ली है, या यूं कहें कि इन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया है। एक साल में किए गए इतनी रेड अपने आप मे एक रिकॉर्ड है। लेकिन उसके बाद भी रिश्वत लेने वाले हैं कि मानने को तैयार नहीं। रिश्वत तो ले ही रहे हैं, एसीबी वालों पर हाथ और उठा रहे हैं। ताजा मामला बांरा शहर का है। जहां पर आज सवेरे बिजली विभाग के एक जेईएएन को रंगे हाथों पकडा गया है।

एसीबी टीम ने जेईएएन को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा
 केलवाड़ा में जेईएएन विक्रम मीणा को आज सवेरे उसके घर पर ही ट्रेप किया गया। उसने एक व्यक्ति से पच्चीस हजार रुपए की रिश्वत ली थी। सरकारी काम करने की एवज में मांगी गई यह रिश्वत दो टुकड़ों में ली गई। पहले तो सवेरे पीडित ने विक्रम मीणा को उसके घर पर दस हजार रुपए दिए। लेकिन पैसा लेने के बाद विक्रम मीणा ने पीडित को भगा दिया, कहा कि और पैसा लेकर आ जो बाकि बचा हुआ है। बेचारा पीडित पंद्रह हजार रुपए और ले आया। इस बार अपने साथ वह एसीबी वालों को भी ले आया। एसीबी के आने से पहले पीडित ने पंद्रह हजार रुपए विक्रम मीणा को दिए तो विक्रम ने इन पंद्रह हजार को भी उन दस हजार के पास ही रख दिया। रुपए लेते ही एसीबी वाले वहां आ धमके। उन्होनें रंगे हाथों विक्रम को पकड लिया।

एसीबी अफसर का काटा हाथ और रुपए गटर में फेंक दिए
 विक्रम ने पहले तो एसीबी अफसर के हाथ पर काट लिया, उसके बाद रुपए उठाकर गटर में डाल दिए। अफसर ने रोकने की कोशिश की तो उसका मोबाइल तोड़ दिया। बेचारे एसीबी वालों ने गटर में हाथ देकर रुपए निकाले, उन्हें साबुन से धोया, धूप में सुखाया और  उसके बाद काम में लिया। विक्रम को अरेस्ट कर लिया गया। उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा के अपमान का केस चलाने की भी तैयारी की जा रही है।