सार
राजस्थान के सीकर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जहां दबंगों ने एक मजदूर को पेड़ से बांधकर तीन तक बुरी तरह पीटा। इतना ही नहीं उसे तीन दिन तक भूखा-प्यासा भी रखा, जब वो दर्द से कहारता तो उसे और मारने लगते।
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक मजदूर का अपहरण कर उसे तीन दिन तक पेड़ से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है। तीन दिन तक भूखा- प्यासा मजदूर पिटाई से अधमरा हो गया तो अपहरणकर्ता उसे देर रात उसके घर के बाहर पटक गए। जहां भी वह रात भर कराहता रहा। सुबह जब परिजनों ने उसे देखा तो एसके अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के बाद स्वस्थ होने पर उसने भाई के साथ पुलिस थाने में गांव के ही लोगों के खिलाफ अपहरण व मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया है।
शराब के लिए रास्ते में उतरा साथी, नहीं लौटा तो बनाया शिकार
अस्पताल में भर्ती पीडि़त गोकुलपुरा गांव निवासी बालकिशन ने मीडिया को बताया कि वह लंबे समय से असम में गांव के ही कुछ लोगों के साथ मजदूरी कर परिवार पालता है। कुछ दिन पहले वह गांव के गोपाल व अन्य तीन साथियों के साथ गांव आने के लिए असम से दिल्ली की ट्रेन में बैठा था। इस दौरान शराब का आदि गोपाल अपना मोबाइल व बैग छोड़कर शराब लाने के लिए रास्ते में ही ट्रेन से उतर गया। जो काफी तलाशने पर भी नहीं मिला। बाद में गोपाल की मां ने उसके मोबाइल पर फोन कर एक मोबाइल नम्बर देते हुए बालकिशन को गोपाल से बात करने को कहा। जिन पर संपर्क करने पर गोपाल से बात भी हो गई। जिसमें उसने खुद को किशनगंज में बताते हुए दोपहर 12 बजे तक दिल्ली पहुंचने की बात कही। बालकिशन ने बताया कि काफी इंजतार के बाद भी जब गोपाल शाम तक दिल्ली नहीं पहुंचा तो वह गोकुलपुरा गांव आ गया। जिसके बाद से गोपाल के परिजन उसके साथ झगड़ा करने लगे। उसने बताया कि पहले तो गोपाल की मां व चाची ने उसके घर आकर झगड़ा किया। बाद में उसके भाइयों ने उसका अपहरण कर लिया।
तीन दिन तक पेड़ से बांधकर मारपीट
बालकिशन का आरोप है कि 31 मई की शाम को वह जयपुर रोड स्थित अपने चाचा के घर गया था। इसी दौरान रास्ते में गोपाल के भाई सुरेश सहित पांच जने बाइक पर सवार होकर उसके पास आए। जो मारपीट करते हुए उसे जबरन अपने साथ दासा की ढाणी ले गए। जहां एक कारखाने में ले जाकर उसे खेजड़ी के पेड़ से बांध दिया और उसके साथ तीन दिन तक लगातार मारपीट की। भूखे- प्यासे रखकर मारने पर जब वह अधमरा हो गया तो 3 जून की रात को वह उसेे घर के बाहर पटक गए। जहां से घर तक पहुंचने की हिम्मत नहीं होने पर वह रात भर बाहर ही पड़ा कराहता रहा। अगले दिन सुबह जब परिजन उठे तो उन्होंने उसे एसके अस्पताल में भर्ती करवाया। जिसके बाद उसका उपचार शुरू हुआ। मामले में बालकिशन के भाई इंद्र चंद में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है। जिसके आधार पर पीडि़त का बयान लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।