सार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्र संघ चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब जल्द ही प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होंगे। इस मंजूरी के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में ढोल नगाड़े खूब गूंजे,विश्वविद्यालय में छात्रों ने जश्न मनाया ।
जयपुर. राजस्थान में 2 साल से बंद छात्र संघ चुनावों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ग्रीन सिग्नल मिल गया है। राजस्थान में 2019 में अंतिम बार छात्र संघ चुनाव हुए थे उसके बाद 2020 और 2021 में छात्र संघ चुनाव को सरकार ने रद्द कर दिया था। लेकिन इस बार उन्हें फिर से मुख्यमंत्री की अनुमति मिल गई है और इस अनुमति के बाद राजस्थान के लाखों कॉलेज छात्र मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहे हैं। आज राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में छात्र जमा हुए और उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया, छात्र नेताओं का कहना था कि 2 सालों से लगातार प्रयास कर रहे थे कि प्रदेश में फिर से चुनाव हो लेकिन इस बार मुख्यमंत्री ने हमारी बात मानी, हम उनके आभारी हैं । मुख्यमंत्री की इस मंजूरी के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में ढोल नगाड़े खूब गूंजे ,विश्वविद्यालय में छात्रों ने जश्न मनाया ।
पिछले दिनों एनएसयूआई के छात्र नेता मिले थे मुख्यमंत्री से
दरअसल कुछ दिन पहले ही एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी समेत अन्य छात्रों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से संपर्क किया था और उन्होंने मांग रखी थी कि अब राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव करवाए जा सकते हैं । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले तो चुनावों में होने वाले हुड़दंग को देखते हुए चुनाव कराने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में जब छात्र नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया कि हुड़दंग नहीं होगा तो उन्होंने मंजूरी दे दी । एनएसयूआई के राजस्थान विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष अमरदीप का कहना है कि 2 साल में ऐसा कोई भी बड़ा मुद्दा नहीं रहा जो एनएसयूआई ने छोड़ दिया हो , एनएसयूआई राजस्थान में छात्रों के साथ हमेशा रही है और रहेगी । 2019 की तरह इस बार भी छात्र संघ चुनाव बेहद शांतिपूर्ण तरीके से करवाने की सभी मिलकर कोशिश करेंगे ।
2 साल पहले हुए थे छात्र संघ के चुनाव
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा का कहना है कि 2 साल पहले चुनाव हुए थे और उस समय भी बेहद शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे । इस बार भी चुनाव शांतिपूर्ण ही संपन्न होंगे। मुख्यमंत्री ने छात्रों के हितों में अच्छा फैसला लिया है ।
मीणा ने कहा कि 2 साल के दौरान राजस्थान में 10 से ज्यादा बड़े मुद्दों में सरकार और उनके नेताओं को घेरने में भारतीय जनता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
चुनाव के माहौल के चलते कॉलेजों में होती है रौनक
एक अन्य छात्र नेता सुबोध शर्मा का कहना था कि विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव के दौरान ही छात्रों के बीच तालमेल देखने को मिलता है। चुनाव के माहौल के चलते कॉलेजों में रौनक बनी रहती है। गौरतलब है कि 2020 और 2021 में कोरोना वायरस के चलते चुनाव रद्द कर दिए गए थे। राजस्थान विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों में चुनाव की अनुमति नहीं दी गई थी।