सार
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आए चीतो के लिए भोजन के रूप में चीतल और हिरण को छोड़ने के फैसले पर राजस्थान के विश्नोई समाज ने प्रधानमंत्री को लिखा भावुक पत्र। लिखा चीतलो को बख्श दें प्रधानमंत्री जी। । अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा द्वारा यह खत लिखा गया है।
बीकानेर( bikaner).17 सितंबर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से उपहार में मिले चीतों के भोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। चीतों के भोजन के लिए छोड़े गए 200 चीतल को लेकर राजस्थान के विश्नोई समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि चीता प्रकृति के लिए जरूरी नहीं है। चीतल परोसने का अवैज्ञानिक व संवेदनहीन आदेश आप वापस लेने का कष्ट करें। चीतों को चीतल एवं हिरण परोसने के आदेश को लेकर राजस्थान का विश्नोई समाज आहत है। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बीकानेर की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पत्र लिखा गया है।
यह लिखा पत्र में
महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया ने अपने पत्र में लिखा है कि विश्नोई समाज 500 साल से पर्यावरण, प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा के लिए गुरु जंभेश्वर भगवान के दिए सिद्धांतों को पालन कर रहा है। विश्नोई समाज दुनिया का एकमात्र समाज है जिन्होंने पेड़ों की रक्षा के लिए 350 से भी ज्यादा लोगों का बलिदान दे दिया। सिर्फ इसलिए कि पेड़ प्रकृति के सबसे बड़े रक्षक हैं। मध्यप्रदेश के अभ्यारण में चीतों के लिए छोड़े गए हिरण और चीतल बहुत जल्द चीतों का शिकार हो जाएंगे । पत्र में लिखा गया है कि वैज्ञानिक नजरिए से यह कोई स्थापित तथ्य नहीं है कि चीता प्रकृति के लिए जरूरी है और चीतल नहीं। इसलिए आपसे निवेदन है कि आप अपने निर्णय पर दोबारा विचार कर लें।
बताया कि हिरण भी विलुप्ति के कगार पर
पत्र में यह भी लिखा गया है कि आपके द्वारा लिए गए इस निर्णय से विश्नोई समाज की संस्थाएं ,संत, जीव रक्षा समितियां, जीव रक्षा सभा, महासभा, सब आहत है। इसके साथ ही राजस्थान में हिरण बहुत तेजी से विलुप्त होने के कगार पर हैं। हमारा समाज जीव जंतुओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देता आया है। इसलिए विलुप्त हो रही प्रजाति चीतल और हिरण को बचाने की कृपा करें। समाज की भावनाओं का सम्मान करें।
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क में 8 चीते छोड़े गए थे। इन चीजों की खुराक के लिए राजस्थान और अन्य राज्यों से लाए गए करीब 200 चीतल एवं हिरण छोड़े गए हैं। यह हिरण और चीतल जल्द ही चीजों का निवाला बनेंगे।
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