सार

कांग्रेस में शामिल होने वालों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लखन सिंह मीणा, संदीप यादव और दीपचंद शामिल हैं। 

जयपुर। राजस्थान में बसपा विधायक दल के सत्ताधारी कांग्रेस में विलय को विपक्षी पार्टी भाजपा ने चुनौती दी है। गत वर्ष सितम्बर में राज्य में बसपा के सभी छह विधायक सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में पार्टी के 20 विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी से मुलाकात की और विलय के खिलाफ एक अर्जी सौंपी।

तो क्या वैध नहीं है बसपा का विलय 
पूनिया ने कहा, ‘‘यह उन विधायकों का निर्णय था जिन्होंने राज्य में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। बसपा का राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में विलय नहीं हुआ। इसलिए विलय को वैध नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि वह मामले के संवैधानिक पहलू को देखेंगे।

विलय से मजबूत हुई कांग्रेस की सरकार 
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक घटनाक्रम के तहत विलय से राज्य में अशोक गहलोत सरकार को और स्थिरता मिली थी क्योंकि इससे 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस का संख्याबल बढ़कर 107 हो गया था।

कांग्रेस में शामिल होने वालों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लखन सिंह मीणा, संदीप यादव और दीपचंद शामिल हैं। सत्ताधारी दल को 13 निर्दलीयों में से 12 का समर्थन भी हासिल है।

(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)