सार

बाड़मेर में कोरोना संक्रमित होने के बाद एक  61 साल महिला की आंख तेज दर्द हो रहा था। जिसके चेहरे के चारों तरफ सूजन थी। डॉक्टरों ने तमाम चैकअप के बाद ब्लैक फंगस की पुष्टि की। जिसके बाद एक आंख को बाहर निकाल दिया गया।

जोधपुर (राजस्थान). कोरोना वायरस के बाद अब मरीजों के लिए खतरनाक बीमारी से सामना करना पड़ रहा है। संक्रमित मरीजों को अब ब्लैक फंगस ने अपना शिकार बनाने लगी है। जो आंख-नाख और जबड़े पर गहर असर डालकर उनको खराब कर रही है। डॉक्टरों के सामने चुनौती है कि आखिर इससे कैसे निपटा जाए।राजस्थान के जोधपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया जब एक महिला मरीज की आंख निकालनी पड़ गई।

आंख के साथ दूसरा हिस्सा भी निकालना पड़ा
दरअसल, बाड़मेर में कोरोना संक्रमित होने के बाद एक  61 साल महिला की आंख तेज दर्द हो रहा था। जिसके चेहरे के चारों तरफ सूजन थी। डॉक्टरों ने तमाम चैकअप के बाद ब्लैक फंगस की पुष्टि की, इसके बाद युवती को जोधपुर के AIIMS अस्पताल ले जाया गया। जिसके बाद एक आंख को बाहर निकाल दिया गया। इतना ही नहीं ब्लैक फंगस का असर जहां-जहां भी था उस हिस्से को भी निकाल दिया गया।

इन मरीजों के लिए खतरा पैदा करती है ये बीमारी
जोधपुर के डॉक्टर चौहान ने बताया कि ब्लैक फंगस सबसे पहले अपना असर नाक से शुरू करती है। जहां नाक के आसपास वाले हिस्से में हल्की सूजन आ जाती है। इसके बाद दर्द शुरू हो जाता है। अगर इसी दौरान मरीज डॉक्टर के पास पहुंच जाए तो उसे ठीक किया जा सकता है। अगर यह आंख तक पहुंच जाए तो फिर आंख को सुरक्षित बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। शुगर के मरीजों को ध्यान रखना चाहिए, इन मरीजों पर यह ज्यादा असर डालती है।

यह हैं ब्लैक फंगस के प्रमुख्य लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक, ब्लैक फंगस के शुरूआती लक्षण इस तरह देखे जाते हैं। एक नाक में दर्द होना, आसपास के हिस्से में सूजन आना, आंखों में दर्द के साथ लाल होना, तेज बुखार या सिरदर्द होना,  उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव होना। खांसी के साथ सांस में तकलीफ होना। अगर किसी भी कोरोना मरोजों में यह लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाए और अपनी जांच कराए।

कैसे फैलती है ब्लैक फंगस
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टेरॉयड, ब्लड शुगर, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के अलावा ऑक्सीजन पाइप से इंफेक्शन फैल सकता है। ऑक्सीजन के लगातार इस्तेमाल से वेट इन्वायरमेंट बनता है, जो ब्लैक फंगस को फैलने में मदद करता है। इसलिए जरुरी है कि ऑक्सीजन पाइप को बार बार साफ करना। ताकि फंगस ऑक्सीजन पाइप में न रह जाए। आईसीयू में यूज होने वाले ऑक्सीजन संबंधित उपकरणों को ठीक से समय समय पर साफ करें।