सार
साल का सबसे बड़ा त्योहार यानि दिवाली आ गई है। चाइना के माल से बाजार भी सज चुके हैं। हर तरफ चायनीज आइटम की भरमार है। इसी बीच राजस्थान के कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने स्वदेशी चीजों कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के सामान और दीयों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए एक नया तरीका निकाला है।
कोटा (राजस्थान). कोविड-19 बाद के अब राजस्थान समेत देश भर में दिवाली का उल्लास छाया हुआ है। दिवाली पर लगभग हर घर में रंगीन रोशनी और दीपक से सजावट होती है। लेकिन रंगीन रोशनी से होने वाली सजावट दीपक की सजावट पर भारी पड़ती है । रंगीन रोशनी की अधिकतर लाइटें मेड इन चाइना होती हैं। इस मेड इन चाइना टैग को खत्म करने के लिए राजस्थान में एक कलेक्टर ने ऐसी तगड़ी स्कीम निकाली है कि लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया है । घरों में रंगीन रोशनी से उजाला करने की जगह अब कोटा जिले के लोग दीपक से उजाला करने की तैयारी कर रहे हैं ।
कलेक्टर ने मिट्टी के दीपक लेकर दिए प्रशासन को आदेश
माटी के दीपक से उजाला करने के पीछे एक तगड़ी स्कीम है जो राजस्थान में संभवत है पहली बार ही निकाली गई है। दरअसल कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने अपने नीचे काम करने वाले तमाम पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को यह निर्देश दिए हैं कि माटी के दीपक बेचने वाले किसी भी कारीगर के साथ अभद्रता नहीं की जाएगी। वह नियमानुसार कहीं भी दीपक बेच सकेंगे।
मिट्टी से दिए बिकने के लिए बंपर स्कीम लॉन्च की
कलेक्टर के निर्देश पर जिले की 18 ग्राम पंचायतों ने नई स्कीम लॉन्च कर दी है । इन ग्राम पंचायतों में अधिकतर कुम्हार वर्ग के लोग रहते हैं और वे माटी के दीपक बनाकर शहर और गांवों में बेचते हैं। कोटा के कवास अनुमंडल क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों के कुम्हार एवं कारीगरों को अब एसडीएम कवास ने कूपन बांके हैं ।
20 से ज्यादा दीपक लेने पर मिलेगा बंपर इनाम
यह कूपन उन ग्राहकों को दिए जाने हैं जो 20 से ज्यादा माटी के दीपक खरीदते हैं ।करीब आठ से 10,000 कूपन छपवाए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच यह कूपन पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा लोग दिवाली के बाद खुलने वाली स्कीम में भाग ले सकें । माटी के दीपक और स्वदेशी को प्रमोट करने के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने ₹50000 से लेकर ₹70000 तक के इनाम रखे हैं । इनमें कैश प्राइज होने के साथ-साथ ही स्मार्ट वॉचेस, फ्रिज, कूलर , वाशिंग मशीन भी शामिल है ।
एक लॉटरी बदल सकती है आपकि किस्मत
दिवाली के पांच दिवसीय त्यौहार के बीत जाने के बाद इस स्कीम की लॉटरी निकाली जाएगी और लॉटरी के विजेता लोगों को 50000 से ₹70000 तक के यह उपहार बांटे जाएंगे । इस स्कीम में पंचायत समिति के पदाधिकारियों ने भी अपनी ओर से रुपए जमा कराएं हैं । प्रत्येक पंचायत समिति की ओर से 2000 से लेकर ₹5000 तक जमा किए गए हैं।
कलेक्टर के कदम से खुद हुए गांव के कारीगिर
इस स्कीम के बाद कुम्हारों एवं माटी के दीपक बनाने वाले कारीगरों में खुशी का माहौल है । प्रत्येक ग्राम पंचायत में से हजारों की संख्या में दीपक बनाए जा रहे हैं । दीपक की बिक्री भी पिछले सालों की तुलना में बेहद तेज है।