सार

राजस्थान के झुंझुनू से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पत्थर दिल माता-पिता ने कड़ाके की ठंड में अपनी डेढ़ साल की बेटी को गहरी खाई में मरन के लिए फेंक दिया। लेकिन मासम चमत्कार से जिंदा बच गई। अब बच्ची को गोद लेने के लिए महिलाओं के बीच में होड़ लग गई है।
 

झुंझुनू. राजस्थान के झुंझुनू शहर से खबर है । कहावत है कि जिससे ईश्वर बचाने में आ जाए उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।  डेढ़ साल की बच्ची ने आज इस कहावत को फिर से सही साबित कर दिया।  सिर्फ डेढ़ साल की इस मासूम को मारने के लिए उसके घर वालों ने क्या कुछ नहीं किया । इतनी भयंकर सर्दी में इस बच्ची को खाई में फेंक दिया गया,  लेकिन उसे एक खरोच तक नहीं आई । 

खाई में बंद बोरी में थी मासूम
यह पूरा मामला झुंझुनू और सीकर जिले के बीच का है।  इस पूरे घटनाक्रम की जांच झुंझुनू जिले की उदयपुरवाटी थाना पुलिस कर रही है।  पुलिस ने बताया कि. दोनों जिलों के बीच स्थित सुखपुरा जंगलों में वन विभाग ने कुछ दिन पहले एक खाई खोदी थी।  इस खाई में ही आज यह बच्ची एक बोरे में मिली। बोरे को बांधा गया था।  वहां से गुजर रहे एक पशुपालक ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो वह हैरान रह गया। उसने आसपास तलाशा तो पता चला कि खाई में एक बोरे में हलचल हो रही है।  उसने अन्य ग्रामीणों को वहां बुलाया और सभी ने मिलकर इस गहरी खाई में से बोरे को बाहर निकाला । देखा तो उसमें करीब डेढ़ से 2 साल की एक मासूम बच्ची थी, जो रो रही थी।

निर्दयी माता-पिता ने कड़ाके की ठंड में मासूम को फेंक दिया
 ग्रामीणों ने बच्ची को दूध पिलाया और बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।  पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भेज दिया और इस पूरे घटनाक्रम की जांच पड़ताल शुरू कर दी । अस्पताल में बच्चे की देखभाल की जा रही है । डॉक्टर का कहना है कि बच्ची के एक आंख में इंफेक्शन है, संभवत है इसी कारण से घरवालों ने इस बच्ची को मरने के लिए छोड़ दिया । लेकिन ईश्वर ने इसे बचाया है।  फिलहाल बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है लेकिन अगले 24 घंटे तक डॉक्टरों की देखरेख में रहेगी । उधर पुलिस वालों ने उस बच्ची के परिवार की तलाश करना शुरू कर दिया है । इस पूरे घटनाक्रम के बाद गांव वाले बच्चे के परिवार को धिक्कार रहे हैं।

बच्ची को गोद लेने के लिए कई माता यशोदा बनने को तैयार.... अस्पताल में लगी भीड़ ....
गांव में शाम को जैसे ही सूचना पहुंची की बोरी में से एक बच्ची निकली है और उसके माता-पिता उसे मारने के लिए जंगल में फेंक गए थे । तो बड़ी संख्या में भीड़ अस्पताल में जुट गई । महिलाओं के बीच में होड़ लग गई बच्ची को गोद में लेने के लिए।  कोई उसे दूध पिलाने चाह रहा था तो कोई । उसे बिस्किट खिला रहा था । पुलिस भी वहीं मौजूद थी । इस बीच कई महिलाओं ने पुलिस से संपर्क कर बच्ची को अपने साथ ले जाने के लिए कहा लेकिन पुलिसकर्मियों ने कानून का हवाला देते हुए बच्ची को अस्पताल में ही रखने के निर्देश दिए । अब अस्पताल में बच्ची को खिलाने के लिए और गोद में लेने के लिए लाइन लगी हुई है।

वीडियो में देखिए जाको राखे सांईया मार सके न कोए